कर्नाटक HC ने अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका ख़ारिज करते हुए ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह पर प्रतिबंध लगाने से किया इनकार

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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हुबली-धारवाड़ के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। धारवाड़ नगर आयुक्त ने कुछ हिंदू संगठनों की मांग पर ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह मनाने की अनुमति दी थी।

इस पर मुस्लिम संस्था अंजुमन-ए-इस्लाम ने कोर्ट में याचिका दायर कर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

हुबली-धारवाड़ नगर निगम का प्रस्ताव मैदान में गणेश मूर्ति स्थापित करने की अनुमति देता है। हालांकि, हाल ही में कार्यभार संभालने वाले नगर आयुक्त ने इसकी अनुमति नहीं दी है।

पिछले साल, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह आयोजित करने की अनुमति दी थी।

हाई कोर्ट ने अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा, ”जमीन हुबली-धारवाड़ नगर निगम की संपत्ति है और वे जिसे चाहें, जमीन आवंटित कर सकते हैं.” आपको बता दें कि हुबली का ईदगाह मैदान 2010 तक दशकों पुराने विवाद में उलझा हुआ था। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि यह मैदान हुबली-धारवाड़ नगर निगम की संपत्ति है।

वर्ष 1921 में नमाज अदा करने के लिए ईदगाह की जमीन अंजुमन-ए-इस्लाम को 999 साल के लिए पट्टे पर दी गई थी। 70 के दशक में अंजुमन ए इस्लाम ने शहर के मध्य में स्थित इस मैदान के चारों ओर एक व्यावसायिक परिसर का निर्माण शुरू किया।

बाद में अंजुमन-ए-इस्लाम के इस काम को अदालत में चुनौती दी गई और लंबी लड़ाई के बाद 2010 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने निर्माण पर रोक लगा दी। लेकिन, शीर्ष अदालत ने साल में दो बार नमाज पढ़ने और जमीन पर कोई स्थायी ढांचा नहीं बनाने की इजाजत दे दी है।

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इस बीच, भाजपा ने ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति की मांग को लेकर शुक्रवार को दूसरे दिन भी एचडीएमसी आयुक्त कार्यालय के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व हुबली-धारवाड़ पश्चिम से मौजूदा भाजपा विधायक अरविंद बेलाड कर रहे हैं।

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