वैसे एक बात ध्यान देने योग्य है कि जो किसान पंजाब में शांतिप्रिय आंदोलन कर रहे थे वह अचानक इतने उग्र हो गए, सोचनीय विषय ये भी है कि क्या कैप्टन साहब को दिल्ली आकर किसानों के हित में मोदी सरकार से बात नहीं करनी चाहिए ?
वैसे हो जो भी किसान तो परेशान है ही वह भी सिर्फ उकसाने के कारण। वैसे आज किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ट्विटर पर आमने-सामने आ गए। दोनों नेताओं ने किसान आंदोलन को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप जमकर लगाए। वहीं दिनभर हरियाणा की सड़कों पर प्रशासन और किसानों का एक-दूसरे से आमना-सामना हुआ।
कैप्टन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे किसानों को अपने राज्य से गुजरने दें और किसानों का गुस्सा न भड़काएं। कैप्टन ने लिखा कि किसानों को उनकी आवाज शांति से दिल्ली ले जाने दें। करीब दो महीने से किसान बिना किसी समस्या के पंजाब में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ताकत का सहारा लेकर किसानों को क्यों उकसा रही है। कैप्टन ने सवाल किया कि क्या किसानों को सार्वजनिक राजमार्गों से शांति से गुजरने का अधिकार नहीं है।
गुरुवार सुबह अपने अलग-अलग ट्वीट में कैप्टन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सवाल किया कि किसानों को दिल्ली जाने से क्यों रोका जा रहा है। कैप्टन ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जा रहे किसानों पर क्रूरता से बल प्रयोग करना पूरी तरह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। उन्होंने ट्वीट किया कि यह दुखद है कि संविधान दिवस के मौके पर किसानों के संवैधानिक अधिकार को इस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है।