अदालत ने अपने आदेश में कहा, “पीड़ित के बयान को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 2 (D) के अनुसार शिकायत के रूप में माना जाता है, जिसमें प्रथम दृष्टया अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए उकसाने और गलत तरीके से कारावास में चोट पहुंचाने, उसके जीवन और स्वतंत्रता के लिए खतरा पैदा करने जैसे संज्ञेय अपराध दिखाए गए हैं।”
पंजाब के मुक्तसर जिले से हैरान करने वाली खबर सामने आई है जिसमें पुलिस का एक अलग ही चेहरा सामने आया है। मुक्तसर जिले में हिरासत में एक वकील और एक अन्य व्यक्ति का कथित रूप से उत्पीड़न करने को लेकर बुधवार को एक पुलिस अधीक्षक एवं दो अन्य पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उत्पीड़न के आरोप की जांच के लिए लुधियाना के पुलिस आयुक्त मनदीप सिंह सिद्धू की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एक विशेष जांच दल (SIT) बनाया गया है।
वकील को सह आरोपी के साथ यौन संबंध बनाने के लिए किया मजबूर-
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) इस SIT पर नजर रखेंगे तथा उसमें तीन अन्य पुलिसकर्मी उसके सदस्य होंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोट बार एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल द्वारा यहां मुख्यमंत्री भगवंत मान से भेंट करने के बाद यह कदम उठाया गया है। सोमवार को एक पुलिस अधीक्षक समेत छह पुलिसकर्मियों पर एक वकील का हिरासत में उत्पीड़न करने को लेकर मामला दर्ज किया गया था। उनपर आरोप है कि मुक्तसर में उन्होंने वकील को सह आरोपी के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया।
हिरासत में उत्पीड़न, जांच कर रही SIT–
FIR के अनुसार, मुक्तसर के पुलिस अधीक्षक (जांच) रमनदीप सिंह भुल्लर, निरीक्षक रमन कुमार कंबोज, कांस्टेबल हरबंस सिंह, भूपिंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह और होमगार्ड दारा सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक भुल्लर, निरीक्षक रमन कुमार कंबोज और कांस्टेबल हरबंस सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। SIT वकील द्वारा हिरासत में उत्पीड़न के लगाये गये आरोप की जांच करेगी तथा निदेशक (जांच ब्यूरो) को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
बार एसोसिएशन से जुड़े वकीलों ने किया काम का बहिष्कार-
जानकारी हो कि इसी मंगलवार को ये आरोप सामने आये थे, तब से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोट बार एसोसिएशन से जुड़े वकील अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए काम का बहिष्कार कर रहे हैं तथा पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी एवं गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
संबंधित वकील को एक अन्य व्यक्ति के साथ 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि अपराध जांच एजेंसी के प्रभारी रमन कुमार कंबोज ने शिकायत की थी कि वकीलों ने पुलिसदल के साथ मारपीट की थी और कुछ अधिकारियों के कपड़े फाड़ दिये थे।