मद्रास HC ने याचिकाकर्ता फर्म को देनदारी को चार किश्तों में भुगतान करने का दिया निर्देश, बैंक खाते को डी-फ़्रीज़ करने का दिया आदेश

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मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने मैसर्स एन.एस. रथिनम एंड संस प्रा. लिमिटेड (याचिकाकर्ता) को निर्देश दिया है कि अपनी पूरी कर देनदारी चार समान किश्तों में चुकानी होगी। साथ ही साथ अदालत ने याचिकाकर्ता को एक सप्ताह के भीतर प्रारंभिक किस्त का भुगतान करने का निर्देश दिया, जिसके बाद अधिकारी याचिकाकर्ता के बैंक खाते को डी-फ़्रीज़ कर देंगे।

याचिकाकर्ता ने मूल्यांकन आदेश और परिणामी जुर्माना और ब्याज लगाने को चुनौती देते हुए वर्तमान रिट याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि वे जीएसटी अधिकारियों द्वारा निर्धारित कर और ब्याज के हिस्से का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी थे। हालाँकि, जीएसटी अधिकारियों ने याचिकाकर्ता के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया था और उनका जीएसटी पंजीकरण रद्द कर दिया था।

न्यायमूर्ति एस श्रीमथी की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पाया कि मामले में सावधानीपूर्वक और विस्तृत जांच की आवश्यकता है।

इस प्रकार, पीठ ने याचिकाकर्ता को पूरी कर राशि का भुगतान चार किश्तों में करने का आदेश दिया, जिसमें कर देनदारी पूरी होने के बाद ब्याज का निर्धारण किया जाएगा।

मामला अब 01.09.2023 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

केस टाइटल – M/s. N.S. Rathinam and Sons Pvt. Ltd. VS The Commissioner of GST and Central Excise & Ors.

केस नंबर – WP (MD) No. 18576 of 2023

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