वैश्विक भुगतान प्रौद्योगिकी कंपनी मास्टरकार्ड (Mastercard) ने यूनाइटेड स्टेटस एंजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के साथ मिलकर ‘प्रोजेक्ट किराना’ (Project Kirana) की शुरुआत की है. इसका लाभ शुरुआत में उत्तर प्रदेश के चुनिंदा शहरों में 3,000 महिला किराना दुकानदारों को मिलेगा. मास्टरकार्ड ने एक बयान में कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद महिलाओं द्वारा चलायी जाने वाली किराना दुकानों पर डिजिटल भुगतान (Digital Payments) को बढ़ावा देना, वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) का दायरा बढ़ाना और आय माध्यमों को विस्तार देना है.
कंपनी ने कहा कि पुरुषों महिलाओं की गैर बराबरी के कारण दुनिया भर में महिलाओं के स्वामित्व वाले कारोबारों की संख्या कम है. इसके चलते ऐसे कारोबारों की शुरुआत, विकास और फलने-फूलने के मामले कम होते हैं. इन कमियों को दूर करने के लिए मास्टरकार्ड और यूएसएआईडी ने ‘वीमेन्स ग्लोबल डेवलपमेंट एंड प्रोसपेरिटी इनीशिएटिव’ (W-GDP) के तहत साझेदारी कर प्रोजेक्ट किराना की शुरुआत की है.
मास्टरकार्ड के विभागाध्यक्ष (दक्षिण एशिया) पौरूष सिंह ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में इस साझेदारी की घोषणा की. उन्होंने कहा, यह एक मजबूत पहल है. वैश्विक स्तर पर मास्टरकार्ड ने छोटे और लघु व्यवसायों को कोविड-19 से पूर्व के स्तर पर पहुंचाने के लिए 25 करोड़ डॉलर की प्रतिबद्धता जतायी है. जबकि भारत में वह इसके लिए 250 करोड़ रुपए (3.3 करोड़ डॉलर) की प्रतिबद्धता रखती है.
इसके लिए कंपनी ने कई पहल शुरू की हैं. बैंकिंग, डिजिटल भुगतान, बचत, कर्ज और बीमा जैसे विषयों पर वित्तीय और डिजिटल साक्षरता कौशल का निर्माण करना, माल के आवागमन का प्रबंधन, बही खातों का हिसाब्र-किताब, बजट प्रबधंन और ग्राहक निष्ठा से जुड़े कौशल को बेहतर करना इसमें शामिल है.