एमपीएमएलए कोर्ट ने शुरू की ट्रायल पुलिस की होगी गवाही, गवाहों को कोर्ट में पेश कराएगी एसटीएफ
मुख्तार अंसारी को छह मामलों में सजा सुनाए जाने के बाद अब उसके विधायक बेटे अब्बास अंसारी पर भी कानूनी शिकंजा कस सकता है। एक शस्त्र लाइसेंस पर नियमों को दरकिनार कर कई घातक असलहे खरीदने के मामले में आरोपित अब्बास के विरुद्ध लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है। अभियोजन व एसटीएफ अब दिल्ली व यूपी पुलिस के कर्मियों के अलावा रायफल एसोसिएशन के अधिकारियों की कोर्ट में गवाही सुनिश्चित कराने के साथ ही प्रभावी पैरवी करेगी।
मामले में शुक्रवार को कोर्ट में तत्कालीन निरीक्षक अशोक सिंह के बयान दर्ज होने थे। हालांकि वह कोर्ट नहीं पहुंच सके। उनकी ओर से ही लखनऊ की महानगर कोतवाली में अब्बास के विरुद्ध शस्त्र लाइसेंस के दुरुपयोग को मामला दर्ज कराया गया था, जिसकी जांच एसटीएफ ने की थी।
एसटीएफ ने अब्बास अंसारी के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल करने के बाद एक अनुपूरक आरोपपत्र भी दाखिल किया था, जिसमें दिल्ली पुलिस, कस्टम विभाग, लखनऊ पुलिस व यूपी रायफल एसोसिएशन के प्रमाणित दस्तावेज व विवेचना के दौरान दर्ज किए गए अधिकारियों के बयानों को शामिल किया था। अब्बास के विरुद्ध ईडी भी जांच कर रहा है, जिसमें सामने आया था कि बतौर निशानेबाज अब्बास ने अपराध से जुटाई गई काली कमाई से विदेश से घातक असलहे खरीदे थे।
एसटीएफ की जांच में भी सामने आया था कि अब्बास ने एक ही शस्त्र लाइसेंस पर स्लोवेनिया से प्रतिबंधित बोर के चार असलहे और बड़ी संख्या में कारतूस खरीदे थे। यह भी पता चला कि उसने एक शस्त्र लाइसेंस पर कुल आठ असलहे खरीदे थे। उत्तर प्रदेश में बने शस्त्र लाइसेंस को वर्ष 2015 में नियम विरुद्ध दिल्ली के पते पर ट्रांसफर भी करा लिया था। अब्बास ने बतौर निशानेबाज वर्ष 2015 के बाद किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया।