स्वतंत्रता की पचहत्तरवीं वर्षगांठ के अवसर पर कलांतर २०२१ की प्रतियोगिताएं भी आज़ादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाई जाएंगी-
नयी दिल्ली : प्रतियोगिता तीन चरणों में कराई जाएगी। पहले चरण में पेंटिंग तथा लेखन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी दूसरे चरण में संगीत प्रतियोगिता तथा तीसरे चरण में अभिनय व् नाटक प्रतियोगिता होगी।
कलांतर आर्ट ट्रस्ट द्वारा सभी प्रतियोगिता की तिथियों तथा विषय की विस्तृत जानकारी ऑनलाइन उद्घाटन समारोह में दी जाएगी जिससे प्रतियोगियों को विषय को समझने में आसानी हो।
स्वतंत्रता की पचहत्तरवीं वर्षगांठ के अवसर पर कलांतर २०२१ की प्रतियोगिताएं भी आज़ादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाई जाएंगी।
कलांतर २०२१ की लखनऊ की संयोजक श्रीमती विभावरी सिंह के अनुसार इस वर्ष प्रतियोगिता के अधिकतर विषय भारत वर्ष की सांस्कृतिक विरासत तथा देश की स्वर्णिम इतिहास से जुड़े हुए होंगे। विभावरी ने आगे बताया कि जहाँ एक ओर इस प्रतियोगिता का लक्ष्य है कि देश के कोने कोने से छुपी हुई कला प्रतिभाओं को सामने लाया जाए वहीं दूसरी ओर हम लोगों को देश के स्वर्णिम इतिहास को जानने तथा समझने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।
विभावरी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कलांतर ने अपनी विभिन्न गतिविधियों के द्वारा कला से समाज परिवर्तन की दिशा में अभिन्न काम किये हैं। विभावरी का कहना है कि कलांतर के संस्थापक श्री विशाल श्रीवास्तव का उद्देश्य है कि शीघ्र ही कला के द्वारा एक ऐसा आंदोलन लाया जाए जिससे समाज में फ़ैल रही सारी कलुषताएँ समाप्त हो जाएं। उनका मानना है कि कला में वो अद्भुत शक्ति है जिससे बुरे से बुरे व्यक्ति के चरित्र में परिवर्तन लाया जा सकता है।
बैठक में मुख्य रूप से महाराष्ट कलांतर के प्रमुख श्री भारतेन्दु, कलांतर के उपाध्यक्ष श्री शिव नारायण तथा राजेश श्रीवास्तव, कलांतर शिक्षक वर्ग की संयोजक श्रीमती हरियाली श्रीवास्तव, कलांतर के संयुक्त सचिव श्री सुशील रामरख्यानी, कलांतर युवा क्लब के संयोजक आर्यन सिन्हा तथा अक्षरा, कलांतर झारखण्ड के संयोजक मनीष श्रीवास्तव, कलांतर देवरिया के संयोजक श्री सुजीत कुशवाहा, कलांतर जौनपुर के संयोजक श्री अमरदीप चौरसिया, कलांतर प्रयागराज के संयोजक श्री दीपक सिंह आदि उपस्थित रहे।
सोशल मीडिया अपडेट्स के लिए हमें Facebook (https://www.facebook.com/jplive24) और Twitter (https://twitter.com/jplive24) पर फॉलो करें।