New IT Rule : सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न हाईकोर्ट के समक्ष चल रही कार्यवाही पर रोक से इनकार किया-

Supreme Court of India ने शुक्रवार को विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष केंद्र के New IT Rule 2021 (नए आईटी नियमों) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के संबंध में कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

कार्यवाही की बहुलता का हवाला देते हुए केंद्र ने सभी याचिकाओं को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था। दिल्ली, बंबई, मद्रास केरल उच्च न्यायालयों सहित कई उच्च न्यायालय आईटी नियमों के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं।

केंद्र ने अपनी याचिका में कहा, OTT Platform (ओटीटी प्लेटफॉर्म) को विनियमित करने का मुद्दा शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है।

न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर संजीव खन्ना ने इस तरह के सभी मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग करने वाली केंद्र सरकार की याचिका को जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन द्वारा दायर एक अपील के साथ टैग किया, जो अदालत के समक्ष लंबित है।

पीठ ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने का निर्देश देने से भी इनकार कर दिया।

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शीर्ष अदालत के समक्ष आईटी नियमों को चुनौती देने वाले मामले लंबित हैं।

पीठ ने जवाब दिया, हम एक लंबित स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) के साथ टैग करेंगे। पीठ ने कार्यवाही पर रोक लगाने के केंद्र के अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया।

ALSO READ -  पायलट की सूझबूझ से केरल में टला बड़ा हादसा, 104 यात्रियों को बचाया गया 

पीठ ने कहा, हम आज उस आदेश को पारित नहीं करेंगे। हम सिर्फ 16 जुलाई को उपयुक्त पीठ के समक्ष टैगिंग सूची कर रहे हैं। इसके बाद बेंच ने स्थानांतरण याचिका को स्पेशल लीव पिटीशन के साथ टैग किया 16 जुलाई के लिए उपयुक्त बेंच के सामने भेजा है।

केंद्र ने अपनी याचिका में कहा कि सभी याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने से नए आईटी नियमों की वैधता पर व्यापकता, कार्यवाही की बहुलता अलग-अलग न्यायिक विचारों से बचा जा सकेगा।

केंद्र ने तर्क दिया कि यदि व्यक्तिगत याचिकाओं पर उच्च न्यायालयों द्वारा स्वतंत्र रूप से निर्णय लिया जाता है, तो इसका परिणाम उच्च न्यायालय इस अदालत के निर्णयों के बीच संघर्ष की संभावना में हो सकता है।

केंद्र ने प्रस्तुत किया, याचिकाकर्ता द्वारा उक्त नियमों को पहले ही इस अदालत के रिकॉर्ड में रखा जा चुका है उनकी पर्याप्तता, वैधता अन्य संबंधित मुद्दे इस अदालत के समक्ष विचाराधीन हैं।

आईटी नियमों को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह सरकार को डिजिटल समाचार पोर्टलों पर सामग्री को वर्चुअली निर्देशित करने में सक्षम बनाता है।(आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर)

You May Also Like