निलकंठ महादेव मंदिर बनाम शम्सी जामा मस्जिद विवाद: फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने सुनवाई स्थगित की, अगली तारीख 28 मई निर्धारित

निलकंठ महादेव मंदिर बनाम शम्सी जामा मस्जिद विवाद: फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने सुनवाई स्थगित की, अगली तारीख 28 मई निर्धारित

निलकंठ महादेव मंदिर बनाम शम्सी जामा मस्जिद विवाद: फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने सुनवाई स्थगित की, अगली तारीख 28 मई निर्धारित

निलकंठ महादेव मंदिर और शम्सी जामा मस्जिद से संबंधित दीवानी विवाद की सुनवाई एक बार फिर स्थगित कर दी गई है। फास्ट-ट्रैक न्यायालय के नव नियुक्त पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश पुष्पेंद्र चौधरी ने यह स्पष्ट किया कि वह पहले केस की फाइल का गहन अध्ययन करेंगे, जिसके बाद ही आगे की प्रक्रिया पर निर्णय लिया जाएगा।

यह मामला सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में लंबित है, जिसमें निलकंठ महादेव मंदिर समिति ने वर्तमान में शम्सी जामा मस्जिद के रूप में चिन्हित परिसर पर स्वामित्व का दावा किया है। यह विवाद वर्ष 2022 में तब उठा जब अखिल भारत हिंदू महासभा के तत्कालीन संयोजक मुकेश पटेल ने यह दावा किया कि विवादित स्थल ऐतिहासिक रूप से निलकंठ महादेव मंदिर का था, और मस्जिद परिसर में पूजा-अर्चना की अनुमति मांगी गई।

लगातार स्थगन और पक्षकारों की अनुपस्थिति

मामले की सुनवाई में पहले भी कई बार विलंब हो चुका है। सबसे हालिया स्थगन का कारण पूर्व पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश अमित कुमार का भदोही स्थानांतरण रहा, जिसके पश्चात उनके स्थान पर नियुक्ति में देरी हुई। पिछली सुनवाई 20 मार्च को हुई थी, जिसमें अगली तारीख 2 अप्रैल तय की गई थी, लेकिन न्यायिक रिक्ति के कारण इसे 21 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया था।

मस्जिद के इंतजामिया कमेटी के वकीलों द्वारा लगातार कोर्ट समन के बावजूद पेश न होने के कारण भी कार्यवाही प्रभावित रही है। 20 मार्च को अधिवक्ता अनवर आलम ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए यह आपत्ति दर्ज कराई थी कि इस प्रकार के विवादों की सुनवाई दीवानी न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

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न्यायाधीश का संतुलित रुख

नव नियुक्त न्यायाधीश पुष्पेंद्र चौधरी ने आज स्पष्ट किया कि वह हाल ही में पदभार ग्रहण करने के कारण अभी केस फाइल का अवलोकन कर रहे हैं। उन्होंने कहा:

“केस फाइल का सम्यक अध्ययन अत्यंत आवश्यक है। इसके बाद ही यह तय किया जाएगा कि कार्यवाही को पूर्व स्थिति से आगे बढ़ाया जाए या नए सिरे से प्रारंभ किया जाए।”

निलकंठ महादेव मंदिर समिति की ओर से अधिवक्ता वेद प्रकाश साहू ने अदालत के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अब उम्मीद है कि मामला नियमित रूप से आगे बढ़ेगा।

अदालत ने स्पष्ट किया कि मामले की ठोस प्रगति न्यायाधीश द्वारा रिकॉर्ड की समीक्षा के पश्चात ही संभव होगी। इसके बाद ही यह तय होगा कि कार्यवाही को पूर्व चरण से आगे बढ़ाया जाए या उसे पुनः प्रारंभ किया जाए।

इस प्रकार, मामला अब 28 मई 2025 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

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