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अब न्यूजीलैंड में युवा नहीं खरीद सकेंगे सिगरेट, सरकार अगले साल लाएगी कानून-

न्यूजीलैंड ने देश के भविष्य को बचाने के लिए सिगरेट की बिक्री पर बैन लगाने का फैसला किया है। खबरों की मानें तो न्यूजीलैंड में अगले साल इसको लेकर एक कानून लाया जाएगा, जिसके मुताबिक देश में 2008 के बाद जन्मा कोई भी व्यक्ति सिगरेट नहीं खरीद सकेगा। न्यूजीलैंड की स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आयशा वेराल ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि युवा कभी भी धुम्रपान न करें। यह कदम गुरुवार को न्यूजीलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा घोषित धूम्रपान पर व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है।

डॉक्टरों-स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने किया फैसले का स्वागत-

देश के डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, जो तंबाकू तक पहुंच को कम करेगा और सिगरेट में निकोटिन के स्तर को प्रतिबंधित करेगा। हालांकि देशवासियों ने सरकार के इस फैसले पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक व्यक्ति ने समाचार एजेंसी से कहा कि, ‘मुझे लगता है कि यह वास्तव में एक अच्छा कदम है। क्योंकि अभी बहुत कम उम्र के बच्चे धुम्र पान का शिकार हो रहे है। जनता भी पूछ रही है कि उन्हें ये धुंआ मिल कैसे रहा है।’ उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए भी अच्छा है क्योंकि इससे में ज्यादा पैसे बचा पाऊंगा।

सिगरेट की कालाबाजारी हो सकती है-

शुरू कई लोगों का मानना है कि सरकार के इस फैसले से तंबाकू की कालाबाजारी शुरू हो सकती है। उन्होंने कहा कि बॉर्डर के जरिए तंबाकू की कालाबाजारी बढ़ेगी और इसे रोकने के लिए सरकार को संसाधनों पर अधिक खर्च करना होगा।

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देश में धूम्रपान ने हर साल हो रहीं 5000 मौत-

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में, न्यूजीलैंड में 15 वर्ष से अधिक आयु के सभी 11.6% धूम्रपान करते हैं, यहीं आंकड़ा स्वदेशी माओरी वयस्कों के बीच 29% तक बढ़ जाता है। न्यूजीलैंड में धूम्रपान से हर साल लगभग 5,000 लोगों की मौत हो जाती है। 18 साल से कम उम्र के 5 में से चार बच्चे धूम्रपान शुरू कर देते हैं। न्यूजीलैंड साल ने साल 2025 तक राष्ट्रीय धूम्रपान दर को 5% तक कम करने का लक्ष्य रखा है। राष्ट्र का मकसद धूम्रपान को पूरी तरह से खत्म करना है।

एक अधिकारी ने कहा कि सिगरेट बेचने के लिए अधिकृत दुकानों की संख्या 8000 से घटाकर 500 के नीचे की जाएगी। बता दें कि हाल ही के वर्षों में युवाओं में ई-सिगरेट का चलन काफी बढ़ा है। इसमें भी निकोटिन की मात्रा होती ही और इंसान के फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है। शोधकर्ताओं ने ई-सिगरेट के तरल पदार्थों में भी खतरनाक कैंसर करने वाले तत्व पाए हैं।

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