पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में हिरासत में पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को चुनाव प्रचार के लिए 5 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया कि वह इस दौरान विदेश नहीं जा सकेंगे और उन्हें 50 हजार रुपये का बेल बॉन्ड जमा करवाना होगा।
वन मंत्री रहते आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री धर्मसोत को गिरफ्तार किया था। धर्मसोत पर आरोप है कि मार्च 2016 से मार्च 2022 के बीच उनके वन मंत्री रहते आय 2.37 करोड़ रुपये थी, जबकि 8.76 करोड़ रुपये खर्च किए गए। आय से अधिक खर्च उन्होंने किन माध्यमों से किया इसकी जांच की जा रही है। जांच में शामिल होने के लिए धर्मसोत ईडी के ऑफिस गए थे। जहां उन्हें यह कहते हुए गिरफ्तार कर लिया गया था कि वह सहयोग नहीं कर रहे हैं।
धर्मसोत ने इसी मामले में जमानत दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का रुख किया है, जिस पर हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। धर्मसोत के वकील ने बहस के दौरान दिल्ली के CM केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव प्रचार के लिए दी गई अंतरिम जमानत के आदेश का हवाला दिया। इसी के आधार पर हाईकोर्ट ने फिलहाल धर्मसोत को 5 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है।
साल 2017 में धर्मसोत विधानसभा चुनाव जीते थे लेकिन वर्ष 2022 में वह चुनाव हार गए थे। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आते ही विजिलेंस ने वन घोटाले की जांच की थी जिसके बाद धर्मसोत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्तियों को लेकर उन्हें जांच के लिए ईडी ने 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था। उन्हें सशर्त जमानत मिली है, जिसमें उन्हें हिदायतें दी गई है कि वह गवाहों से न तो मुलाकात करेंगे न ही संपर्क, बिना सूचना दिए राज्य व देश से बाहर नहीं जाएंगे। जमानत के लिए उन्हें 50 हजार रुपये का मुचलका भी भरना होगा।
6 जनवरी 2024 को ईडी ने किया था गिरफ्तार-
एक मार्च, 2016 से 31 मार्च, 2022 तक धर्मसोत वन मंत्री रहे थे। इस दौरान उनकी आय 2.37 करोड़ रुपये थी, जबकि उनकी तरफ से 8.76 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। ईडी ने 16 जनवरी 2024 को जालंधर में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले पर प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि पूर्व मंत्री और उनके बेटों की आय, बताए गए सोर्स से मेल नहीं खाती है, जिसके चलते उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई। पंजाब विजिलेंस भी वन घोटाले की जांच कर रही है।