‘एन.आई. एक्ट’ की धारा 138 के तहत अपराध को एनआई एक्ट की धारा 147 के तहत केवल संबंधित शिकायतकर्ता की सहमति से ही समझौता किया जा सकता है – सर्वोच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय ने दोहराया है कि परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत अपराध को एनआई अधिनियम की धारा 147 के तहत केवल संबंधित शिकायतकर्ता की सहमति से ही समझौता किया जा सकता है। प्रस्तुत अपीलें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा आपराधिक विविध मामला संख्या 970/2023 और आपराधिक विविध अपील [more ...]
“इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही वापस ले लिया गया”: सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे कर्मचारी को बहाल करते हुए उस अवधि के लिए 50 प्रतिशत वेतन देने का दिया आदेश
सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय रेलवे के एक कर्मचारी को सेवा में बहाल करने का आदेश दिया, क्योंकि उसने पाया कि उसके त्यागपत्र को स्वीकार किए जाने से पहले ही वापस ले लिया गया था। संक्षिप्त तथ्य- अपीलकर्ता 1990 से प्रतिवादी की सेवा में है। 13 वर्ष की सेवा करने के [more ...]
‘अवमानना के लिए दंड देने की शक्ति एक संवैधानिक अधिकार’, वादी ने किया दावा-‘जस्टिस ओका’ के खिलाफ मुकदमा चलाने हेतु राष्ट्रपति के समक्ष आवेदन किया दायर
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद राजीव दहिया एक बार फिर चर्चा में हैं। वह 2017 में तब सुर्खियों में आए थे जब उन पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। उन्होंने यह जुर्माना नहीं भरा तो अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अवमानना का दोषी ठहराया है। [more ...]
सुप्रीम कोर्ट के 20 अप्रैल, 2022 आदेश के बावजूद ‘न्यायिक अधिकारी’ नहीं हुआ पद पर बहाल, हाईकोर्ट और पंजाब सरकार का रवैया बेहद निराशाजनक
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के एक न्यायिक पदाधिकारी को अफेयर होने के आधार पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया और न्यायिक अधिकारी को पद पर दोबारा बहाल करने का निर्देश दिया। हालांकि, शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद उसकी सेवाओं [more ...]