POCSO Act: दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी अधिकारी की पत्नी को जमानत से किया इंकार, कहा कि ये दो परिवारों के बीच विश्वास की भावना को कम करने का उदाहरण

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा की पत्नी सीमा रानी खाखा को जमानत देने से इनकार कर दिया है. आरोपी अफसर पर अपने दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार कर उसे गर्भवती करने का आरोप है.

दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा की पत्नी को जमानत देने से मना कर दिया. जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने सीमा रानी खाखा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. अधिकारी की पत्नी सीमा भी मामले में आरोपी है.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा की पत्नी सीमा रानी खाखा को जमानत देने से इनकार कर दिया है. आरोपी अफसर पर अपने दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार कर उसे गर्भवती करने का आरोप है. अदालत ने संभावित गवाहों से छेड़छाड़ को लेकर उसकी पत्नी सीमा रानी खाखा पर अपराध में सक्रिय रूप से भाग लेने का आरोप है, जिसमें पीड़िता के गर्भ को समाप्त करने के लिए दवा देना भी शामिल है. प्रेमोदय खाखा पर आरोप है कि उसने नाबालिग के पिता की मौत के बाद उसके साथ रेप किया. पीड़िता उसे मामा कहा करती थी. पिता की मौत से दुखी नाबालिग को खाखा अपने घर ले आया था. इसी दौरान उसने उसे हवस का शिकार बनाया. जब पीड़िता गर्भवती हो गई तो उसने उसकी करतूत पत्नी सीमा रानी को बताया. जिसने उसे गर्भपात की गोली खिला दी. मामले में उसके दोनों बच्चे भी आरोपी हैं.

ALSO READ -  आपका राज्य ऐसा है जहां मंत्री द्वारा लोगों को केवल 2 साल के लिए नियुक्त किया जाता है और उन्हें आजीवन पेंशन देते है, सुप्रीम कोर्ट ने ईंधन कीमतों में वृद्धि के खिलाफ याचिका सुनवाई पर कहा-

आरोपी अफसर की पत्नी को दिल्ली हाईकोर्ट का जमानत देने से इंकार-

दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने सीमा रानी खाखा की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि ऐसा करना यह मामला दो परिवारों के बीच विश्वास की भावना को कम करने का उदाहरण बनेगा साथ ही कि इस स्तर पर जमानत देने से गवाहों को प्रभावित करने की संभावना भी बन सकती है. इस साल फरवरी में भी दिल्ली उच्च न्यायालय ने POCSO मामले में प्रेमोदय खाखा और उनकी पत्नी सीमा रानी खाखा को जमानत देने से इनकार कर दिया था.

खाखा परिवार ने इस आधार पर जमानत के लिए तर्क दिया था कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक पूरी चार्जशीट दाखिल नहीं की है, जिसके कारण उन्हें डिफॉल्ट जमानत मिल सकती है. बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस ज्योति सिंह ने जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने 11 अक्टूबर, 2023 को चार्जशीट दाखिल की और तीस हजारी कोर्ट ने 9 नवंबर, 2023 को इसका संज्ञान लिया है.

मामला क्या है?

अगस्त 2023 में गिरफ्तारी के बाद से खाखा परिवार न्यायिक हिरासत में है. दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर रह चुके प्रेमोदय खाखा पर एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने और उसे गर्भवती करने का आरोप है. उनकी पत्नी सीमा रानी खाखा पर पीड़िता को धमकाने और गर्भपात कराने का आरोप है. इस मामले में बलात्कार, छेड़छाड़, आपराधिक धमकी और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.

You May Also Like

+ There are no comments

Add yours