बिना अनुमति बुलेटप्रूफ वाहन चलाना चौंकाने वाली स्थिति: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने A श्रेणी गैंगस्टरों को मिल रही ‘सुरक्षा’ पर जताई गंभीर चिंता
चंडीगढ़ | विधिक संवाददाता:
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य में खूंखार अपराधियों द्वारा बुलेटप्रूफ वाहनों के खुलेआम प्रयोग पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसे प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बताया है। न्यायालय ने यह टिप्पणी एक याचिका की सुनवाई के दौरान की, जिसमें एक टोयोटा फॉर्च्यूनर वाहन की जब्ती को अवैध ठहराने का अनुरोध किया गया था।
न्यायमूर्ति दीपिका सिंह की पीठ के समक्ष प्रस्तुत याचिका में पंजाब निवासी कमलेश ने कहा कि जब्त की गई गाड़ी उसके पुत्र द्वारा प्रयोग में लाई जा रही थी, जिसे गैरकानूनी रूप से बुलेटप्रूफ वाहन में परिवर्तित किया गया था। याचिकाकर्ता का पुत्र एक घोषित A श्रेणी गैंगस्टर है, जिस पर करीब 41 आपराधिक मुकदमे लंबित हैं।
न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा —
“यह अत्यंत चिंताजनक है कि एक खूंखार आपराधिक तत्व बिना किसी वैधानिक अनुमति के एक उच्च-स्तरीय बुलेटप्रूफ वाहन कैसे संचालित कर रहा है। इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि राज्य प्रशासन इस पर निगरानी रखने या रोक लगाने में असफल रहा है।“
न्यायालय ने कहा कि—
“यह कोई अकेले वाहन या व्यक्ति का मामला नहीं, बल्कि यह पूरे राज्य की कानून व्यवस्था और प्रशासनिक निगरानी तंत्र पर सवाल खड़ा करता है। यदि ऐसे असामाजिक तत्वों को इस प्रकार की विशेष सुरक्षा और सुविधा मिलती रहेगी, तो यह न केवल उनकी आपराधिक क्षमता को बढ़ावा देगा, बल्कि कानून के शासन के लिए भी सीधा खतरा उत्पन्न करेगा।“
कोर्ट ने यह भी कहा कि—
“यह परिस्थिति आंखें खोल देने वाली है और यह स्पष्ट करती है कि किस प्रकार आपराधिक तत्व राज्य व्यवस्था को धता बताकर कानून से ऊपर बनने की कोशिश कर रहे हैं।“
अदालत ने मामले में राज्य सरकार से विस्तृत स्थिति रिपोर्ट तलब करते हुए यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बिना वैधानिक अनुमति कोई भी वाहन बुलेटप्रूफ न किया जाए, और ऐसा कोई भी प्रयास कानून के तहत सख्ती से रोका जाए।
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