Former CJI Ranjan Gogoi: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई Former CJI Ranjan Gogoi के खिलाफ गुरुवार को मानहानि का मामला दर्ज किय गया है। रंजन गोगोई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा सामाजिक कार्यकर्ता और असम स्थित एक एनजीओ के अधिकारी ने किया है।
असम पब्लिक वर्क्स (APW) के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने गौहाटी की एक अदालत में राज्यसभा सांसद और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई के खिलाफ एक करोड़ रुपये की मानहानि का मामला और उनकी आत्मकथा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका दायर की है।
सामाजिक कार्यकर्ता शर्मा ने गोगोई और उनकी आत्मकथा ‘जस्टिस फॉर ए जज’ के प्रकाशक रूपा पब्लिकेशन के खिलाफ पुस्तक में उनके खिलाफ कथित भ्रामक और मानहानिकारक बयान देने के लिए मानहानि का मामला दायर किया था। उन्होंने गोगोई और उनके प्रकाशक को ऐसी किसी भी पुस्तक के प्रकाशन, वितरण या बिक्री से रोकने के लिए एक अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग करते हुए एक याचिका दायर की, जिसमें उनके खिलाफ मानहानिकारक बयान और आरोप हैं। मानहानि का मामला और निषेधाज्ञा के लिए याचिका कामरूप मेट्रो जिला अदालत में दायर की गई थी।
सामाजिक कार्यकर्ता ने दावा किया है कि रंजन गोगोई की आत्मकथा ‘जस्टिस फोर द जज’ में एनआरसी के संदर्भ में आपत्तिजनक बातें की हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इससे मेरी छवि धूमिल हुई है। याचिकाकर्ता अभिजीत शर्मा ने रंजन गोगोई के खिलाफ एक करोड़ की मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
उन्होंने गुवाहाटी में सिविल जज कोर्ट में पूर्व सीजेआई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। बता दें कि जब रंजन गोगोई भारत के मुख्य न्यायाधीश थे, तब एनआरसी अपडेटिंग प्रक्रिया की निगरानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई थी।
सिविल कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। 3 जून को मामले की सुनवाई होगी। बताया जा रहा है कि रंजन गोगोई की आत्मकथा में कई ऐसे बातों का जिक्र किया गया, जिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
याचिकाकर्ता कई बातों को गलत बता रहे हैं। रंजन गोगोई ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि ‘राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर सुनाए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद मैं बेंच के सभी जजों को डिनर के लिए होटल ताज मानसिंह लेकर गया था।