कोर्ट परिसर में बवाल, वकीलों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज, वकीलों में भारी रोष

CCTV वीडियो में देखा जा सकता है कि 20 से 35 की संख्या में पुलिसकर्मी वकीलों को कोर्ट रूप में ही लाठियों से पीट रहे हैं। हालांकि, इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी वकीलों को कोर्ट रूम में मौजूद कुर्सियों से भी उठाकर मारते नजर आ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिला कोर्ट में मंगलवार को वकीलों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिससे कई वकील चोटिल हो गए। जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता नाहर सिंह यादव और जिला जज के बीच हुई नोंकझोंक के बाद सैकड़ों की संख्या में वकील कोर्ट में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।

मामले को शांत कराने के लिए बुलाई गई पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को खदेड़ृ दिया। लाठीचार्ज के बाद वकीलों में भारी रोष है। बार सभागार में बुलाई गई आपात बैठक में वकीलों ने जिला जज का बहिष्कार करने की बात कही है। बताया जा रहा है कि अधिवक्ता कुलदीप सिंह की ओर से जल्दी सुनवाई की दर्खास्त पर मामला बिगड़ा और फिर बिगड़ता ही चला गया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोर्ट परिसर सीआरपीएफ को तैनात कर दिया गया है।

बताया जाता है कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारी से जुड़े एक मामले में कुछ वकील जिला जज के पास पहुंचे थे। सुनवाई के दौरान वकीलों ने जिला जज से बदसलूकी कर दी। जिसके बाद जिला जजों ने कोर्ट परिसर में पुलिस बुला ली।

दीपावली बाद धरने की घोषणा-

पूर्व बार अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता नाहर सिंह यादव का आरोप है कि जिला जज धोखाधड़ी के आरोपितों को बिना सुने अग्रिम जमानत देने पर तुले हुए थे, जमानत का विरोध किया गया तो पुलिस बुलाकर लाठीचार्ज करा दिया। नाहर सिंह यादव ने चार नवंबर से कोर्ट परिसर में अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा की है।

मौके पर पहुंची पुलिस ने वकीलों पर कोर्ट रूम में ही लाठी चार्ज कर दिया। जिससे कई वकील चोटिल हो गए। इस घटना के बाद से वकीलों में आक्रोश है। वहीं, जिला जजों ने कोर्ट रूम में कार्य का बहिष्कार कर दिया है। कोर्ट रूम में ही वकीलों की पिटाई का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इधर खबर है कि इस घटना के बाद बार एसोसिएशन ने वकीलों की बैठक बुलाई है। इस बैठक के बाद ही वकीलों की तरफ से आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।

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हाईकोर्ट से शिकायत करेंगे वकील-

वकीलों का कहना है कि जिला जज की शिकायत हाईकोर्ट से करेंगे। पुलिस के द्वारा किए गए लाठीचार्ज में घायल अधिवक्ता अभिषेक यादव का कहना है कि धोखाधड़ी के मुकदमे में जिला जज अनिल कुमार के यहां सुनवाई चल रही थी। डासना में एलएमसी की जमीन घेरकर सौदा करने का मामला है। आरोपियों की अग्रिम जमानत पर जिला जज के यहां सुनवाई चल रही थी, उसी दौरान नोंकझोंक होने से मामला यहां तक पहुंच गया।

वकीलों ने रखी ये मांगें-

पूरे मामले के बाद वकीलों में रोष है। वकीलों ने इस पूरी प्रकरण के लिए जिला जल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मांग की है अत्यधिक और अनुचित लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने कोर्ट परिसर में वकीलों की सुरक्षा की भी मांग उठाई है। वकीलों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति न हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।

बार अध्यक्ष बोले, घटना दुर्भाग्यपूर्ण-

मामले में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा का कहना है कि कोर्ट परिसर में जो हुआ वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह की घटना कभी नहीं हुई। अधिवक्ता साथियों से बातचीत के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा।

CCTV खंगाले जा रहे, दोषियों पर एक्शन लेंगे: एडिशनल पुलिस कमिश्नर-

CCTV वीडियो में देखा जा सकता है कि 20 से 35 की संख्या में पुलिसकर्मी वकीलों को कोर्ट रूप में ही लाठियों से पीट रहे हैं। हालांकि, इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी वकीलों को कोर्ट रूम में मौजूद कुर्सियों से भी उठाकर मारते नजर आ रहे हैं। गाजियाबाद जिला कोर्ट रूम में वकीलों की पिटाई का मामला अब पुलिस, जज बनाम वकीलों के बीच हो गया है। आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब वकीलों ने जजों से बदसलूकी की है। इसके पहले भी इस तरह के कई मामले देश के विभिन्न राज्यों से आ चुके हैं। एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी ने बताया- कविनगर थाने में दर्ज एक मुकदमे से संबंधित 9 आरोपियों की रेगुलर बेल पर आज जिला जज कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। वकीलों ने जिला जज से अनुरोध किया कि वो इस केस को दूसरी कोर्ट को ट्रांसफर कर दें। इस बात को लेकर विवाद हुआ। सूचना पर पुलिस पहुंची और जिला जज को वकीलों के बीच से सुरक्षित निकालकर ले जाने लगी, तभी वकीलों ने ग्राउंड फ्लोर पर जाकर पुलिस चौकी में तोड़फोड़ और आगजनी कर दी। इस मामले में सीसीटीवी देखे जा रहे हैं। आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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लाठीचार्ज में 10 अधिवक्ता हुए जख्मी, एक पुलिसकर्मी को भी आई चोट, सीआरपीएफ तैनात-

गाजियाबाद कोर्ट परिसर में हुए लाठी चार्ज के दौरान 10 अधिवक्ता चोटिल हुए हैं, दूसरी ओर एक पुलिस कर्मी को भी चोट आई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कचहरी परिसर में सीआरपीएफ तैनात कर दी गई है। बार सभागार में बैठक के बाद 4 नवंबर को कोर्ट परिसर में अनििश्चतकालीन धरना शुरू करने की घोषणा के साथ ही अधिवक्ता नाहर सिंह यादव की ओर से हाईकोर्ट को लिखित शिकायत भेजी गई और फिर सभी अधिवक्ता अपने घरों को लौट गए।

क्या है पूरा मामला ?

मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे की बात है। जिला जज अनिल कुमार की अदालत में डासना में एलएमसी जमीन विवाद मामले में जमानत पर सुनवाई चल रही थी। इसी दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नाहर सिंह यादव और जिला जज के बीच नोंकझोंक हो गई। विवाद ज्यादा बढ़ने पर जिला जल अपने कक्ष में चले गए लेकिन अधिवक्ता काफी संख्या में कोर्ट में डटे रहे। इसी बीच डीसीपी सिटी राजेश कुमार और एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे और अधिवक्तओं से कोर्ट रूम से जाने के लिए कहा, लेकिन अधिवक्ता वहां से जाने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस ने अधिवक्ताओं पर लाठियां भांजनी शुरू कर दीं। कुछ पुलिसकर्मी कुर्सियां उठाकर मारते भी देखे गए। पुलिस ने अधिवक्ताओं पर बल प्रयोग करते हुए कोर्ट रूम से खदेड़ दिया।

जल्दी सुनवाई के लिए किया था अनुरोध: डासना के जमीनी विवाद में शिकायतकर्ता की पैरवी में पहुंचे अधिवक्ता नाहर सिंह यादवका कहना है कि जिला जज से मामले की जल्दी सुनवाई के लिए अनुरोध किया गया था। इस पर जिला जज भड़क गए। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच नोक झोंक हो गई। जिला जज विवाद बढ़ता देख अपने कक्ष में चले गए थे। नाहर सिंह यादव का कहना है कि इसके बाद पुलिस ने वकीलों को दौड़ा दौड़ाकर पीटा। वकीलों पर कुर्सियां फेंकी गईं, जिसमें कई वकील घायल हुए हैं। वकीलों ने मामले में एफआईआर कराने से इंकार किया है।

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सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भी हुए जख्मी-

जख्मी अधिवक्ता अभिषेक यादव ने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। डासना के जमीन विवाद से जुड़े एक मामले में पैरवी के लिए अपने पिता नाहर सिंह यादव के साथ वह भी जिला जज की कोर्ट मौजूद थे। अधिवक्ता अभिषेक यादव का कहना है पुलिस वालों मेरे पिता को मारते हुए फर्श पर गिरा लिया। मैं उन्हें बचाने पहुंचा तो पुलिस ने मेरे ऊपर भी हमला कर दिया। अभिषेक यादव के सिर से खून बह रहा था।

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