उच्चतम न्यायलय की न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने 14 साल की एक लड़की की मर्मस्पर्शी सच्ची कहानी बयां कर कोर्ट का माहौल संवेदनशीलता में बदल दिया।
एक्ट्रेस आलिया भट्ट इन दिनों अपनी फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी (Gangubai Kathiawadi) को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं। हालांकि इस बीच इस फिल्म पर केस भी दर्ज करवाया गया है।
भंसाली प्रोडक्शंस आलिया भट्ट अभिनीत फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ (Film Gangubai Kathiawadi) के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी (Justice Indira Banerjee) ने 14 साल की एक लड़की का मार्मिक कहानी (Emotional Story) सुनाकर कोर्ट का माहौल बदल दिया. ये कहानी सुनाते हुए वो खुद भी भावुक (Emotional) हो गईं।
सर्वोच्च कोर्ट की न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने बताया कि वो कई सालों तक लीगल एड सोसाइटी का हिस्सा रहीं और कलकत्ता हाईकोर्ट की न्यायधीश रहते समय लीगल सर्विसेज की चेयरमैन भी थी। न्यायमूर्ति ने अपने उस समय के संस्मरण को बयां किया।
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने कोर्ट में बताया, “एक बार मुझे अवैध व्यापार की गई महिला के बारे में पता चला और जब मैं उसके बारे में सोचती हूं तो परेशान हो जाती हूं। ये एक 14 वर्षीय लड़की थी, जिसे दो वक्त का भोजन नहीं मिल रहा था। इलाके में रहने वाली एक मौसी कहलाने वाली महिला उसकी देखभाल कर रही थी। एक दिन उस तथाकथित मौसी ने कहा कि तुम बॉम्बे आओ, तुम्हारे पास अच्छी नौकरी होगी और वह यह सोचकर जाने के लिए तैयार हो गई कि उसे दो वक्त का भोजन मिल जाएगा, जब वह वहां गई तो कई लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। ”
उस लड़की ने मेरा हाथ भींच लिया और कहा- आखिर मैंने किया क्या है?
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने कोर्ट में आगे कहा, “एक ही रात में सभी ने लड़की के साथ असुरक्षित रूप से रेप किया, लेकिन किसी ग्राहक को उस पर दया आई. उसे छुड़ाकर एक NGO को सौंप दिया गया। बाद में मीडिया ने उसके मामले को जोरशोर से उठाया। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने आगे कहा, ये घटना सोचकर आज भी कंपकंपी छूट जाती है क्योंकि इसी के चलते वो लड़की HIV पॉजिटिव (AIDS) हो गई। उसने इस तरह मेरा हाथ कस कर पकड़ लिया और पूछा कि आखिर मैंने क्या किया है, मेरा कसूर क्या है?”
भंसाली प्रोडक्शंस का पक्ष रखने वाले वकील ने कहा, फिल्म गंगूबाई सेक्स वर्कर की गरिमामय कहानी है-
ये कहते कहते जस्टिस बनर्जी काफी गंभीर हो गईं. कोर्ट रूम का माहौल भी ग़मज़दा हो गया. जब वो ये कहानी बता रही थीं तो अदालत में पिन ड्रॉप शांति थी. हालांकि भंसाली प्रोडक्शंस की ओर से सी आर्या सुंदरम ने कहा, ये मामला उस तरह का नहीं है. फिल्म में तो इस उस महिला की प्रशंसा हो रही है। यह फिल्म उन्हें बदनाम नहीं करती है। उनकी महिमामंडित करती है कि वह एक सेक्स वर्कर की गरिमामयी कहानी है, जो राजनीतिक रूप से प्रमुखता से बढ़ी है।