जमीन घाटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को PMLA कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया है। ये मामला बड़गाई अंचल के 8.5 एकड़ जमीन घोटाले से जुड़ा है। इसी घोटाले के आरोप में पूर्व सीएम जेल में बंद हैं. हेमत सोरने ने PMLA कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल किया था। हालांकि PMLA की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया और उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
कथित जमीन घोटाले में झाऱखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने आज सोमवार को कहा कि हम सोरेन को सिर्फ लोकसभा चुनाव को देखते हुए जमानत नहीं दे सकते, क्योंकि आरोप गंभीर है।
सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, ”आरोप गंभीर होने के कारण गिरफ्तारी के खिलाफ आपकी (हेमंत सोरेन) याचिका पर ईडी को सुने बिना आदेश नहीं देंगे। चुनाव है तो हम इसमें आपकी सहायता नहीं कर सकते।”
जस्टिस संजीव खन्ना ने क्या कहा?
कोर्ट ने शुरू में अगले सप्ताह सुनवाई की बात बोली थी, लेकिन सोरेन के वकील कपिल सिब्बल के बार-बार जोर देने पर शुक्रवार (17 मई, 2024) को मामला सुनवाई के लिए लगा दिया। हालांकि जस्टिस खन्ना ने कहा कि 17 मई को कई अन्य मामले सुनवाई के लिए लगे हैं। ऐसे में हमें नहीं पता कि 17 को सुनवाई हो पाएगी या नहीं। सुनवाई हो भी गई तो उस दिन ही आदेश देना संभव नहीं होगा।
दरअसल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट के गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका खारिज किए जाने के तीन मई के आदेश को चुनौती दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्या मांग की है?
सोरेन ने गिरफ्तारी के खिलाफ अपनी याचिका पर फैसला दिए जाने तक लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने की मांग की है।
ED ने क्या आरोप लगाया है?
ईडी ने आरोप लगाया है कि सोरेन ने करोड़ों रुपये की जमीन हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है। सोरेन ने ऐसा करके फर्जी विक्रेता और खरीदार दिखाकर आधिकारिक रिकॉर्ड में हेरफेर के माध्यम से आपराधिक आय अर्जित की है।