सिंधु जल संधि पर विमर्श : अधिवक्ता परिषद अवध द्वारा स्वाध्याय मंडल का आयोजन
दिनांक 16 मई 2025 को अधिवक्ता परिषद अवध, उच्च न्यायालय इकाई लखनऊ के तत्वावधान में महामना सभागार, उच्च न्यायालय परिसर लखनऊ में “सिंधु जल संधि का स्थगन : भारत के लिए आगे की राह” विषयक एक स्वाध्याय मंडल (स्टडी सर्किल) का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति श्री रंगनाथ पाण्डेय ने सहभागिता की। उन्होंने विषयवस्तु पर विस्तारपूर्वक विचार रखते हुए प्रश्नोत्तर शैली में अधिवक्ताओं से संवाद किया और उनके जिज्ञासाओं का समाधान प्रस्तुत किया। अपने संबोधन में न्यायमूर्ति पाण्डेय ने भारत सरकार द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध उठाए जा रहे कठोर कदमों की सराहना करते हुए कहा कि पाकिस्तान को जाने वाले जल के प्रवाह को रोकने का निर्णय ऐतिहासिक है, जो राष्ट्रीय हित में लिया गया एक निर्णायक एवं समयोचित निर्णय है।
अधिवक्ता परिषद अवध के अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री ओ. पी. श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत आतंकवाद के विरुद्ध निरंतर और सख्त कदम उठा रहा है। परिषद की महामंत्री अधिवक्ता मीनाक्षी परिहार सिंह ने भी विचार प्रकट करते हुए कहा कि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब आतंकवाद और उसे समर्थन देने वाले देशों के प्रति कठोर रुख अपनाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 1960 की परिस्थितियों में की गई सिंधु जल संधि को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पुनः परिभाषित करने की आवश्यकता है।
स्वाध्याय मंडल के दौरान विषय से संबंधित विविध आयामों पर अधिवक्ताओं द्वारा विचार-विमर्श किया गया एवं संधि के कानूनी, कूटनीतिक व रणनीतिक पक्षों पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता इकाई अध्यक्ष श्री दिवाकर सिंह कौशिक ने की, संचालन महामंत्री श्री अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी द्वारा किया गया तथा समापन इकाई कोषाध्यक्ष श्री आलोक सरन द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में अधिवक्ता परिषद अवध के उपाध्यक्ष श्री अनिल कुमार पाण्डेय, कोषाध्यक्ष श्री प्रेमचंद्र राय, मंत्री श्री सिद्धार्थ शंकर दूबे, प्रमुख सदस्यगण श्री अजय कुमार त्रिपाठी, श्री अमित राय, मुख्य स्थायी अधिवक्ता श्री अजय पाण्डेय, डिप्टी सालिसिटर जनरल श्री एस. बी. पाण्डेय, स्थापना काल सदस्य श्री डी. आर. सिन्हा तथा उच्च न्यायालय इकाई के अन्य पदाधिकारीगण श्री राम आसरे वर्मा, श्री दिव्यांशु प्रताप, श्री शिवांशु गोस्वामी, श्री रूपेश कसौधन, सुश्री पायल सिंह, सुश्री रुचि गुप्ता, सुश्री तनु भारती, सुश्री आकांक्षा शाह, श्री सच्चिदानंद गोस्वामी, श्री सुरेश चन्द्र पाण्डेय, श्री वैभव पाण्डेय सहित परिषद की समस्त कार्यकारिणी एवं बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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