Tag: Article 226
जब भी नाबालिग बच्चे के कल्याण और उसकी प्राथमिकता से जुड़ी विस्तृत जांच की आवश्यकता होती है तो HC हिरासत विवाद के तहत बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका पर विचार नहीं कर सकता – SC
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जब हिरासत के मामलों में नाबालिग बच्चे के हित और कल्याण को निर्धारित करने के लिए विस्तृत जांच की आवश्यकता होती है, तो उच्च न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका पर [more…]
‘गरीब याचिकाकर्ता महंगे न्याय व्यवस्था का बोझ नहीं झेल पाएगा’, SC ने कहा कि संविधानिक अदालतों को निचली अदालत में लंबित मामले के लिए एक निश्चित समयसीमा तय नहीं करना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई में कहा कि सिविल और क्रिमिनल मामलों में निचली अदालत या हाईकोर्ट की ओर से लगाई गई स्थगन (STAY ORDER) खुद-ब-खुद रद्द नहीं हो सकती। चीफ जस्टिस डॉ डी वाई चंद्रचूड़ की [more…]
अपनी मां का भरण-पोषण करना हर बेटे का नैतिक और कानूनी दायित्व, पर जोर देते हुए वरिष्ठ नागरिक की अपने ‘बेटे और बहू’ को बेदखल करने की याचिका स्वीकार की : HC
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए बच्चों की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए एक वरिष्ठ नागरिक की अपने बेटे और बहू को बेदखल करने की याचिका स्वीकार कर ली। संपत्ति के स्वामित्व और कानूनी नोटिस की [more…]
जिस वादी में परिश्रम की कमी है, वह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय के असाधारण क्षेत्राधिकार का उपयोग नहीं कर सकता : SC
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जिस मुकदमेबाज में परिश्रम की कमी है, वह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय के असाधारण क्षेत्राधिकार का उपयोग नहीं कर सकता है। न्यायालय ने एक सोसायटी के पक्ष में उच्च न्यायालय के फैसले [more…]
अनुच्छेद 226(2): जो तथ्य प्रार्थना के अनुदान के लिए प्रासंगिक नहीं हैं वे न्यायालय को अधिकारिता प्रदान करने वाली कार्रवाई के कारण को जन्म नहीं देंगे- सुप्रीम कोर्ट
सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 226(2) के संबंध में मार्गदर्शक परीक्षणों की व्याख्या करते हुए कहा है कि जो तथ्य प्रार्थना के अनुदान के लिए प्रासंगिक नहीं हैं, वे न्यायालय को अधिकारिता प्रदान करने वाले वाद हेतुक को जन्म नहीं [more…]
शीर्ष अदालत ने चुनौती के आधार पर अपना दिमाग लगाए बिना रिट याचिका का निपटारा करने के लिए हाईकोर्ट की कार्यवाही की आलोचना की-
सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने उड़ीसा हाईकोर्ट Orissa High Court के आदेश का विरोध करने वाली एक विशेष अनुमति याचिका पर विचार करते हुए हाल ही में कहा कि भारतीय संविधान Indian Constitution के अनुच्छेद 226 Article 226 के तहत दायर [more…]
सुप्रीम कोर्ट ने कहा प्रत्यावेदन देने से परिसीमा अवधि नहीं बढ़ती-
Supreme Court शीर्ष अदालत ने कहा कि केवल अधिकारियों के पास एक प्रत्यावेदन दाखिल करने से परिसीमा अवधि नहीं बढ़ जाती है। न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की बेंच ने कहा कि यदि रिट याचिकाकर्ता को देरी का दोषी [more…]
सुप्रीम कोर्ट: उपभोक्ता आयोग में सुनी जा रहीं शिकायतें, भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायलय में स्थानांतरित नहीं हो सकती-
Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उपभोक्ता शिकायतें हाईकोर्ट में स्थानांतरित नहीं की जा सकतीं। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम की खंडपीठ ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों में दायर कुछ [more…]
सुप्रीम कोर्ट: हाईकोर्ट Article 226 के तहत बैंक को कर्जदार को OTS देने का निर्देश देने वाला आदेश नहीं कर सकता पारित-
Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि हाई कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 226 Article 226 of Indian Constitution के तहत किसी वित्तीय संस्थान/बैंक को कर्जदार को सकारात्मक तरीके से एकमुश्त निपटान (ओटीएस) का लाभ देने का निर्देश देने वाला [more…]
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा की Article 226 के तहत उपचार तभी है जब चुनौती दी गई कार्रवाई सार्वजनिक कानून के दायरे में आए-
Allahabad High Court : उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत सार्वजनिक कर्तव्य या कार्य का निर्वहन करने वाले किसी प्राधिकारी/व्यक्ति के खिलाफ केवल तभी उपचार उपलब्ध होगा जब चुनौती के तहत [more…]