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पति को पत्नी के साथ ‘किराए की संपत्ति’ या ‘बंधुआ मजदूर’ जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए, HC ने और क्या-क्या कहा जाने
अगर पति बिना किसी पर्याप्त कारण के पत्नी को अलग रखना चाहता है और पत्नी इसका विरोध कर रही है तो ये क्रूरता नहीं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय द्वारा Chhattisgarh High Court एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वैवाहिक घर [more…]
जब तक जोड़ा अपने रिश्ते को नाम नहीं दे देता, तब तक कोर्ट इस तरह के रिश्ते में कोई भी राय व्यक्त करने से कतराता है और परहेज करता है-HC
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि जब तक जोड़ा शादी करने का फैसला नहीं कर लेता और अपने रिश्ते को नाम नहीं देता या वे एक-दूसरे के प्रति ईमानदार नहीं होते, तब तक कोर्ट इस तरह के [more…]
शादी का अपूरणीय विच्छेद अनुच्छेद 142 के तहत तलाक का सीधा-सीधा फॉर्मूला नहीं’- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवाह में रहना एक पवित्र और अमूल्य भावनात्मक जीवन-जाल है
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने कहा है कि शादी के अपूरणीय टूटने के आधार पर तलाक हमेशा वांछनीय नहीं होता है, खासकर भारत में। उस संदर्भ में, न्यायालय ने कहा कि “अदालतों [more…]
विवाह विच्छेद के आधार पर पारिवारिक कोर्ट तलाक का आदेश नहीं दे सकता: हाई कोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि फैमिली कोर्ट को हिंदू विवाह अधिनियम Hindu Marriage Act के तहत तलाक से जुड़े प्रावधानों के अनुसार आदेश देना चाहिए। दिल्ली उच्च न्यायलय Delhi High Court ने स्पष्ट किया कि पारिवारिक अदालतें Family Court शादी के अपूरणीय [more…]
भारत में ज्यादातर डाइवोर्स के मामले लव मैरिज से पैदा होते हैं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि ज्यादातर तलाक के मामले लव मैरिज से सामने आ रहे हैं। जस्टिस बीआर गवई ने कहा, ‘ज्यादातर तलाक लव मैरिज से ही हो रहे हैं। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजय करोल [more…]
पत्नी द्वारा ऐसे आरोप जो पति के प्रतिष्ठा को प्रभावित करते हैं, मानसिक क्रूरता के समान और तलाक मांगने का आधार: सुप्रीम कोर्ट
भारत में शादी करने को चाहे जितना भी आसान बना दिया जाये लेकिन तलाक लेना उतना ही मुश्किल है तलाक अगर आपसी सहमति से हो जाये तो अच्छा है वरना ये प्रोसेस बहोत लम्बा होने वाला है। क्योकि जब मामला कोर्ट [more…]
विवाह का असाध्य टूटना: संविधान के ‘अनुच्छेद 142’ के तहत ‘विवाह को भंग करने का आधार’- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया कि वह संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल कर सकता है ताकि वह असुधार्य टूटन के आधार पर विवाह को भंग कर सके। संविधान का अनुच्छेद 142 उसके समक्ष लंबित [more…]
Hindu Marriage Act: एक विवाह जो अपरिवर्तनीय रूप से टूट गया है वह दोनों पक्षों के लिए क्रूरता है – सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने एक अपील में कहा है कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत एक शादी जो अपरिवर्तनीय रूप से टूट गई है, दोनों पक्षों यानी पति और पत्नी के लिए क्रूरता है। कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों के [more…]
कोई भी पक्ष पुनर्विवाह कर सकता है यदि तलाक के एकपक्षीय आदेश के खिलाफ सीमा अवधि के भीतर कोई अपील दायर नहीं की जाती है: दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने माना है कि तलाक की एकपक्षीय डिक्री के मामले में भी विवाह के किसी भी पक्ष के लिए फिर से शादी करना वैध होगा यदि सीमा की अवधि के भीतर इस तरह के डिक्री के खिलाफ कोई [more…]
हाई कोर्ट ने कहा पति को नपुंसक कहना अत्यंत शर्म की बात, पत्नी की हत्या में आरोपी पति को HC ने किया बरी
बेंच के अनुसार, हत्या के पीछे पत्नी द्वारा अचानक और गंभीर उकसावे का कारण था और यह पूर्व नियोजित नहीं था। बॉम्बे हाईकोर्ट Bombay High Court ने एक केस की सुनवाई करते हुए कहा है कि सार्वजनिक तौर पर किसी पुरुष [more…]