गायत्री प्रजापति पर दुराचार का आरोप लगाने वाली महिला की जमानत अर्जी निरस्त-

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लखनऊ : समाजवादी पार्टी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर दुराचार का आरोप लगाने वाली महिला की जमानत अर्जी एमपी-एमएलए कोर्ट ने निरस्त कर दी है. गायत्री की कम्पनी के पूर्व निदेशक ने ही महिला के खिलाफ एफआईआर (FIR) लिखाई थी.

पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ दुराचार की एफआईआर लिखाने वाली चित्रकूट की महिला को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है.

एमपी-एमलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने धोखाधड़ी आदि के एक मामले में वांछित चित्रकूट की महिला की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

अदालत ने प्रथम दृष्टया महिला के अपराध को गम्भीर करार दिया है.

ज्ञात हो कि उक्त प्रकरण में एफआईआर 17 सितम्बर 2020 को गायत्री की कम्पनी के पूर्व निदेशक बृज भुवन चौबे ने थाना गोमती नगर विस्तार में दर्ज कराई थी.

उक्त एफआईआर में गायत्री प्रजापति, उसके बेटे अनिल प्रजापति और चित्रकूट की महिला को नामजद किया गया था.

दर्ज प्राथमिकी के अनुसार , खरगापुर स्थित वादी की पत्नी के नाम की जमीन को धमकी देकर एफआईआर में नामजद चित्रकूट की महिला के नाम पर करा दी गई थी.

यह भी गौरतलब है कि चित्रकूट निवासी इसी महिला ने गायत्री प्रजापति पर दुराचार की एफआईआर दर्ज कराई थी.

आरोप है कि गायत्री प्रजापति ने दुराचार के मुकदमे में अपने पक्ष में बयान देने के लिए बृज भुवन चौबे की जमीन उसके नाम जबरन करा दी थी. बाद में बृज भुवन चौबे ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई.

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इस मामले में गायत्री प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति को पिछले साल 17 दिसम्बर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. हालांकि मार्च 2021 में उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश कोर्ट ने दे दिया 

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