तीन बार ‘तलाक’ शब्द बोलकर अपनी पत्नी को तलाक देने वाले आरोपी को अदालत ने अग्रिम जमानत देने से कर दिया इनकार

तीन बार ‘तलाक’ शब्द बोलकर अपनी पत्नी को तलाक देने वाले आरोपी को अदालत ने अग्रिम जमानत देने से कर दिया इनकार

‘तलाक, तलाक, तलाक’ कहकर पत्नी को छोड़ देने वाले 28 वर्षीय आरोपी को महाराष्ट्र की एक अदालत ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायलय ने कहा, आरोपी ने तीन बार ‘तलाक’ शब्द बोलकर अपनी पत्नी को तलाक दे दिया, जबकि यह कानून के खिलाफ है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश MH पठान ने 10 अगस्त 2023को व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। विस्तृत आदेश हाल में उपलब्ध कराया गया है।

महिला द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी-

पुलिस के मुताबिक, महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उसने मार्च 2022 में मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार आरोपी से शादी की। पुलिस ने बताया कि शादी के तीन दिन बाद उसके ससुराल वाले मोटरसाइकिल एवं गहने खरीदने के लिए उसके पिता से पैसे की मांग करने लगे। शिकायत के अनुसार ससुराल वालों ने महिला के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार शुरू कर दिया। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उसके पति का किसी और महिला के साथ प्रेम प्रसंग था और वह घर भी आती थी। महिला के पति ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी।

ससुराल वालों के खिलाफ हुआ मामला दर्ज-

महिला ने पुलिस को बताया कि बाद में पति ने ‘तलाक, तलाक, तलाक’ कहकर उसे तलाक दे दिया। महिला की शिकायत के आधार पर, मुंबई के उपनगर अंधेरी में सहार पुलिस ने जून 2023 में पति और ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया। मामले में गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए आरोपी ने अदालत का रुख कर अग्रिम जमानत मांगी। आरोपी ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि महिला और उसके बीच वैवाहिक विवाद चल रहा है और इसलिए महिला ने ससुराल वालों के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई है।

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आरोपी दूसरी महिला को घर लाता था-

सत्र न्यायलय ने अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि महिला के पति के खिलाफ विशिष्ट आरोप हैं। अदालत ने कहा कि आरोपी दूसरी महिला को घर लाता था और अपनी पत्नी को परेशान करता था। अदालत ने कहा कि इसलिए वह जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है। अदालत ने मामले के अन्य आरोपियों को यह कहते हुए अग्रिम जमानत दे दी कि उनके खिलाफ आरोप सामान्य प्रकृति के हैं।

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