यहाँ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोहरी आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि मृत्युदंड की मांग को खारिज कर दिया।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि यह मामला “दुर्लभतम में दुर्लभ” की श्रेणी में नहीं आता है और इसलिए इसे मृत्युदंड के योग्य नहीं माना जा सकता।
कोर्ट ने जेल प्रशासन की एक रिपोर्ट पर भी विचार किया, जिसमें सज्जन कुमार के “अच्छे आचरण” का उल्लेख किया गया था और यह भी बताया गया कि वह कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं।
विशेष न्यायाधीश बावेजा ने मृत्युदंड की मांग को खारिज करते हुए कहा कि सज्जन कुमार की उम्र, उनकी बीमारियाँ और अन्य नरमीय कारक (mitigating factors) सजा में कुछ राहत के आधार बनते हैं।
उन्होंने अपने आदेश में कहा, “कुछ कारक ऐसे हैं जो मृत्युदंड के बजाय कम सजा देने के पक्ष में जाते हैं। जेल प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार दोषी का संतोषजनक आचरण, उनकी बीमारियाँ, समाज में उनकी जड़ें और उनके सुधार व पुनर्वास की संभावना जैसे पहलू इस मामले में आजीवन कारावास की सजा को अधिक उपयुक्त बनाते हैं।”
यह मामला 1 नवंबर 1984 को जसवंत सिंह और उनके पुत्र तरूणदीप सिंह की हत्या से संबंधित है।
सजा का विवरण इस प्रकार है:
- दंगा (धारा 147 IPC): 2 वर्ष की कैद और ₹5000 जुर्माना।
- घातक हथियार के साथ दंगा (धारा 148 IPC): 3 वर्ष की कैद और ₹5000 जुर्माना।
- हत्या (धारा 302 पढ़ी गई धारा 149 IPC के साथ): आजीवन कारावास और ₹1 लाख जुर्माना।
- ग़ैर-इरादतन हत्या का प्रयास (धारा 308 पढ़ी गई धारा 149 IPC के साथ): 7 वर्ष की कैद और ₹10,000 जुर्माना।
- चोट पहुँचाने (धारा 323 पढ़ी गई धारा 149 IPC के साथ): 1 वर्ष की कैद और ₹1000 जुर्माना।
- डकैती (धारा 395 पढ़ी गई धारा 149 IPC के साथ): 10 वर्ष की कैद और ₹10,000 जुर्माना।
- घातक हथियार से डकैती (धारा 397 IPC): 7 वर्ष की कैद।
- आगजनी से नुकसान (धारा 427 पढ़ी गई धारा 149 IPC के साथ): 2 वर्ष की कैद और ₹5000 जुर्माना।
- आग से संपत्ति नष्ट करने (धारा 436 पढ़ी गई धारा 149 IPC के साथ): आजीवन कारावास और ₹1 लाख जुर्माना।
- गंभीर क्षति पहुँचाने (धारा 440 पढ़ी गई धारा 149 IPC के साथ): 5 वर्ष की कैद और ₹5000 जुर्माना।
सभी सजाएँ साथ-साथ चलेंगी।
मामले पर प्रतिक्रियाएँ:
वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फूलका ने सज्जन कुमार की मेडिकल रिपोर्ट को लेकर संदेह जताया। उन्होंने कहा, “मुझे शक है कि सज्जन कुमार ने अपनी मेडिकल रिपोर्ट्स मैनेज की हैं। हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे और उनकी स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने की माँग करेंगे।”
वहीं, बचाव पक्ष के वकील अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि सज्जन कुमार निर्दोष हैं और वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे।
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