धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज मुकदमे के मामले बिग बाजार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के खिलाफ चल रहे आपराधिक केस को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।
इलाहाबाद उच्च न्यायलय से बिग बाजार (Future Retail Limited) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ गोरखपुर जिला न्यायालय में लंबित आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया है। यह मुकदमा गोरखपुर में दर्ज कराया गया था। सामान की आपूर्ति करने के बाद भुगतान न करने का आरोप लगाया गया था।
कोर्ट ने कहा कि याची को गोरखपुर में हो रहे लेनदेन के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ ने किशोर बियानी की ओर से आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग वाली याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि याची गोरखपुर न्यायालय के स्थानीय क्षेत्राधिकार में नहीं रहता है। लिहाजा, उसे समन जारी करने से पहले उसकी जांच करना जरूरी था।
मामले में याची के खिलाफ मेसर्स मां दुर्गा इंटरप्राइजेज, गोरखपुर की ओर से यह आरोप लगाया गया कि दिनांक फरवरी 2020 से जून 2020 की अवधि के दौरान उसने आवेदक को 12 लाख रुपये से अधिक की खाद्य उत्पादों की आपूर्ति कराई, लेकिन उसे भुगतान नहीं किया गया। इसके बाद याची के खिलाफ गोरखपुर सिविल जज सीनियर डिविजन की पीठ के सामने धोखाधड़ी सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं में आरोप लगाकर शिकायत की गई।
न्यायिक मजिस्ट्रेट सीनियर डिविजन ने कार्रवाई करते हुए याची के खिलाफ पहले समन और फिर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। याची ने जिला न्यायालय की कार्यवाही को रद्द करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभू राय ने तर्क दिया कि याची सीधे तौर पर गोरखपुर स्थित आउटलेट पर लेनदेन का काम नहीं करता है। उसके लिए दूसरे कर्मचारी हैं और उनके जरिये ही लेनदेन होता है।
शिकायतकर्ता की ओर से जिस समय के लेनदेन का आरोप लगाया जा रहा है उस दौरान कोविड का दौर भी था। लिहाजा, याची के खिलाफ कार्यवाही को रद्द किया जाना चाहिए।
अस्तु कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार कर लिया और याची के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया।