दिल्ली हाई कोर्ट Delhi High Court ने हाल ही में बीएसएनएल BSNL के उस निर्णय को रद्द कर दिया है, जिसमें उसने केंद्रीय बिलिंग और आईपीडीआर समाधान उपलब्ध कराने के लिए मिलेनियम ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए खरीद ऑर्डर को रद्द कर दिया था।
बीएसएनएल BSNL ने करोड़ों रुपये के इस अनुबंध को रद्द कर दिया और आरोप लगाया कि कंपनी ने यह ऑर्डर हासिल करने में मिलीभगत और दुर्भावना बरती थी।
न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने 19 नवंबर को अपने फैसले में इस बात पर जोर दिया कि हालांकि निविदा प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा महत्वपूर्ण है, लेकिन बीएसएनएल के सत्यनिष्ठा से समझौता करने के आरोपों में ठोस सबूतों का अभाव है।
अदालत ने कहा कि एक राज्य इकाई के रूप में बीएसएनएल ने अपने दावों को पुष्ट किए बिना अनुबंध को रद्द करके निष्पक्षता से कार्य करने में असफलता प्राप्त की।
न्यायाधीश ने टिप्पणी की, “आपत्तिजनक संचार और आदेश को रद्द करने के लिए नए आधार अनुचित, मनमाने और अस्थिर हैं।” अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि मिलीभगत जैसे गंभीर आरोपों को केवल अनुमान से नहीं, बल्कि ठोस सबूतों से समर्थित होना चाहिए।
मिलेनियम ऑटोमेशन ने तर्क दिया कि आपूर्ति खरीदने में उसे पहले ही काफी लागत उठानी पड़ी है, और अनुबंध को रद्द करना अनुचित था।
कंपनी ने बीएसएनएल को अपने उपकरण आपूर्तिकर्ताओं की स्थिति बताई थी, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के विश्वसनीय दूरसंचार पोर्टल द्वारा मंजूरी दी गई थी, लेकिन बीएसएनएल ने अगले ही दिन आदेश रद्द कर दिया।
न्यायालय ने 6 अगस्त, 2024 के संचार को रद्द करते हुए, क्रय आदेश को प्रभावी रूप से बहाल करते हुए अपना निर्णय समाप्त किया।