पत्नी संग विदेश गए जज ने 5 स्टार में मौजमस्ती का बिल भरवा दिया किसी अजनबी, सुप्रीम कोर्ट का HC के फैसले में दखल से इंकार, हमेशा के लिए गई नौकरी

Estimated read time 1 min read

किसी दूसरे की रकम से विदेश में जाकर से मौज मस्ती करने वाले जज के लिए बचाव का आखिरी रास्ता भी बंद हो गया है। दिल्ली उच्च न्यायलय के फैसले में दखल देने से शीर्ष अदालत ने भी इनकार कर दिया है।

शीर्ष अदालत के न्यायमूर्ति हरिकिशन रॉय और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की बेंच के सामने याचिका लगाकर जज रहे नवीन अरोड़ा ने न्याय की गुहार लगाई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया।

क्या है मामला-

मामला ये है क़ि नवीन अरोड़ा अपनी पत्नी को लेकर 2016 में विदेश यात्रा पर गया था। वहां मौज मस्ती की। वापस लौटा तो अपने सीनियर को रिपोर्ट देते समय फंस गया। उसने जो दस्तावेज जमा कराए उसमें होटल की बुकिंग को लेकर गफलत थी। ये पता नहीं चल पा रहा था कि 5 स्टार होटल का बिल किसने भरा। मामले में इन्क्वायरी बैठ गई। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जज ने किसी अजनबी से फेवर लिया था।

दिल्ली हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट के आधार पर जज नवीन अरोड़ा को नौकरी से डिसमिस कर दिया। हाईकोर्ट का कहना था कि जज को ध्यान रखना चाहिए कि वो जज है। उसे भी कोई जज कर रहा है। एक न्यायिक अधिकारी को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वो किसी से भी कोई फेवर न ले।

जज साहब ने अपने बचाव में कहा – पैसा लौटाने की कोशिश की थी

जानकारी हो की जज ने अपने बचाव में कहा कि जिस शख्स ने उसके होटल का बिल भरा वो उसके भाई का परिचित था। उसका कहना था कि उसे उस शख्स का उधार चुकाना है जिसने होटल का बिल भरा। जज ने ये भी कहा कि उसने विदेश प्रवास के दौरान ही पैसा लौटाने की कोशिश की थी लेकिन बिल भरने वाले शख्स ने ये कहा था कि वापस लौटने पर वो जो पैसा खर्च हुआ है सारा वापस ले लेगा।

ALSO READ -  20-25 साल तक नहीं जारी रखा जा सकता अस्थायी अधिग्रहण- SC ने ONGC के मामले में कहा

दिल्ली उच्च न्यायलय ने अपने आदेश में कहा कि जज ने खुद माना कि उसने किसी अजनबी से फेवर लिया था। लेकिन उसने ऐसा क्यों किया वो इस बात को साफ नहीं कर सका। ये चीज जज को दोषी ठहराने के लिए काफी है। हाईकोर्ट का कहना था कि एक्शन नहीं लिया गया तो गलत संदेश जाएगा।

You May Also Like

+ There are no comments

Add yours