अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट American District Court और अमेरिकी बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन US market regulator Securities and Exchange Commission (SEC) ने अदाणी ग्रुप Adani Group पर घूसखोरी के आरोप लगाए. इसके चलते ग्रुप के शेयर 10 से 25 फीसदी तक टूट गए . ये आरोप सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्टस से जुड़े हुए हैं. अदाणी ग्रुप पर सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने के वादे का आरोप है. इसके अलावा प्रॉसीक्यूटर्स ने आरोप लगाया है कि अदाणी ग्रुप ने अमेरिकी जांच एजेंसी FBI और अमेरिकी बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन US market regulator Securities and Exchange Commission (SEC) को गलत जानकारियां दी हैं. ग्रुप पर अमेरिकी निवेशकों से धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है.
कोर्ट के आदेश के मुताबिक इस पूरे मामले में कब क्या हुआ, इसकी पूरी टाइमलाइन नीचे दी जा रही है.
Adani Bribery Case गौतम अडानी पर लगे क्या आरोप?
सबसे पहले बात कर लेते हैं उन आरोपों के बारे में, जो अमेरिका में गौतम अडानी और उनकी कंपनी पर लगाए गए हैं. तो बता दें कि Gautam Adani पर कथित तौर पर US में उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड Adani Green Energy Ltd को सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट से जुड़ा कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने और इसे अमेरिकी बैंकों और इन्वेस्टर्स से छिपाने का आरोप लगाया गया है. अमेरिकी अभियोजकों ने दावा किया है कि कंपनी के अन्य सीनियर ऑफिशियल्स ने कॉन्ट्रेक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को ये पेमेंट करने पर सहमति जताई थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रीन एनर्जी ने झूठे बयानों के आधार पर गुमराह किया और 2021 में बॉन्ड की पेशकश के साथ अमेरिका समेत अन्य इंटरनेशल इन्वेस्टर्स और अमेरिकी बैंकों से पैसे जुटाए. अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस का कहना है कि अरबों डॉलर के कॉन्ट्रेक्ट को हासिल करने के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक बड़ी योजना तैयार की गई थी. ऐसा भी कहा गया है कि गौतम अडानी ने भी इस संबंध में कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों से व्यक्तिगत मुलाकात की थी.
Adani Bribery Case में कब क्या हुआ?
कोर्ट के आदेश के मुताबिक अदाणी ग्रुप, अमेरिकी इश्यूअर एज्योर पावर ग्लोबल और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के बीच कब क्या हुआ, इसकी पूरी डिटेल्स ये है-
-भारतीय एनर्जी कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी और अमेरिकी इश्यूअर एज्योर पावर ग्लोबल को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से मैन्युफैक्चरिंग-लिंक्ड सोलर टेंडर ऑफर के लिए LoA (लेटर ऑफ अवार्ड) मिला.
-अमेरिकी इश्यूअर ने SECI को 4 GW सोलर पावर सप्लाई करने पर सहमति दी.
-भारतीय एनर्जी कंपनी की सब्सिडियरी ने SECI को 8 GW सोलर पावर सप्लाई करने पर सहमति दी.
-SECI का काम यह था कि वह राज्यों में 12 GW बिजली खरीदने के लिए डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों की तलाश करे.
-लेटर ऑफ अवार्ड और संशोधित लेटर ऑफ अवार्ड की शर्तों के अनुसार सेकी भारतीय एनर्जी कंपनी की सब्सिडियरी और अमेरिकी इश्यूअर, दोनों से निश्चित दर पर सोलर पावर खरीदने के लिए बाध्य थी.
-जब यह अवार्ड मिला था, साइज और स्कोप के हिसाब से यह प्रोजेक्ट दुनिया के सबसे बड़े सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स में शुमार था.
-अदाणी ग्रीन ने जून 2020 में प्रेस रिलीज जारी की.
-अमेरिकी इश्यूअर ने 4 GW के ऑर्डर की ऐलान करते हुए मीडिया रिलीज जारी किया
-अमेरिकी इश्यूअर के पूर्व सीईओ रंजीत गुप्ता ने कहा कि 4 GW से अधिक का बड़ा पाइपलाइन बनाने की बात कही.
-अमेरिकी इश्यूअर ने अनुमान लगाया कि 20 वर्षों में इस प्रोजेक्ट से 200 करोड़ डॉलर से अधिक का शुद्ध मुनाफा होगा.
अक्टूबर 2021 से फरवरी 2022 तक साइन हुए MoUs
-अमेरिकी कंपनी और भारतीय एनर्जी कंपनी की सब्सिडियरीज ने अक्टूबर 2021 और फरवरी 2022 के बीच SECI के साथ PPAs (पावर पर्चेज एग्रीमेंट) साइन किए.
-अमेरिकी कंपनी ने SECI को छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर के लिए 650 -MW सोलर पावर सप्लाई करने पर सहमति दी.
-अमेरिकी कंपनी ने आंध्र प्रदेश को 2.3 GW सोलर पावर सप्लाई करने का फैसला लिया.
-भारतीय एनर्जी कंपनी ने SECI से छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और आंध्र प्रदेश को सोलर पावर सप्लाई करने के लिए PPAs साइन किए.
कोर्ट के आदेश में शामिल सरकारी कंपनियों के नाम
- छत्तीसगढ़ राज्य पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड
- तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड
- GRIDCO लिमिटेड
- जम्मू और कश्मीर पावर कॉरपोरेशन
- आंध्र प्रदेश सेंट्रल पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन
- आंध्र प्रदेश ईस्टर्न पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड
- आंध्र प्रदेश साउथर्न पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड
अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश में लगे पांच आरोप
- FCPA (फॉरेन करफ्ट प्रैक्टिसेज एक्ट) का उल्लंघन करने की साजिश
- सिक्योरिटीज फ्रॉड का षड्यंत्र
- वायर फ्रॉड कांस्पिरेसी
- सिक्योरिटीज धोखाधड़ी – 2021 144A बॉन्ड
- न्याय में हस्तक्षेप करने की साजिश