सत्ता में रहते हुए आपने निजी काम के लिए सरकारी सुविधा का लाभ उठाया, SC ने यूपी रोडवेज का बकाया बिल 2.66 करोड़ रुपए चुकाने को कहा

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हाईकोर्ट की ओर से आदेश दिया गया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है। कांग्रेस से 4 सप्ताह में 1 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा गया है।

कांग्रेस कमिटी ऑफ उत्तर प्रदेश को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बकाया बिल से जुड़े मामले में पार्टी को 4 हफ्ते में 1 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा और यूपी परिवहन निगम को 2.66 करोड़ रुपए चुकाने के हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

याचिकाकर्ता यूपी कांग्रेस ने लखनऊ के सदर तहसीलदार की 10 नवंबर 1998 को जारी वसूली नोटिस को चुनौती दी थी। वसूली की कार्रवाई परिवहन निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक के कहने पर शुरू हुई थी।

उक्त मामला यूपी रोडवेज को 2.66 करोड़ रुपए चुकाने से जुड़ा है। इस केस में हाईकोर्ट की ओर से आदेश दिया गया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है। कांग्रेस से 4 सप्ताह में 1 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा गया है। सूबे में साल 1981 से 1989 के बीच सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने यूपी रोडवेज की बसों का इस्तेमाल किया था और पार्टी पर तब का बिल बकाया है।

क्या कहा था इलाहाबाद हाईकोर्ट ने

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में यूपी कांग्रेस कमिटी को इस पुराने बिल का भुगतान करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने तब कहा था कि उक्त सियासी दल बकाया 2 करोड़ 66 लाख रुपए पर 5 प्रतिशत ब्याज जोड़कर भुगतान करे। जज मनीष कुमार और जज विवेक चौधरी की बेंच ने दो टूक कहा था- आपने यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों और टैक्सियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हितों के लिए किया था लेकिन पार्टी ने इसे नजरअंदाज कर दिया जो कि सही नहीं है।

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कांग्रेस को हाईकोर्ट में पड़ी थी फटकार

कोर्ट ने कांग्रेस को फटकारते हुए कहा था- नेताओं की रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए सरकारी बसों का इस्तेमाल आम यात्रियों को कितना महंगा पड़ता है, ये आप जानते ही हैं। लेकिन नेताओं या पार्टियों का तो कुछ नहीं जाता। 5 अक्टूबर 2023 को ये बात बदल गई। क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस को सूबे की सरकारी बसों और टैक्सियों के इस्तेमाल के लिए पूरे 2 करोड़ 66 लाख रुपए का बिल भरने का हुक्म दिया है। सत्ता में रहते हुए आपने निजी काम के लिए सरकारी सुविधा का लाभ उठाया है। आप सिर्फ यह कहकर बिल भरने से नहीं बच सकते हैं कि सत्ता बदलने के बाद राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उनसे रकम वसूली जा रही है। आपको इस आधार पर बिल भुगतान करने से राहत नहीं दी जा सकती है।

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