अस्त गुरु तारा 13 फरवरी से पुनः उदित होगा, अब हो सकते हैं मांगलिक कार्य 

हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है, वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है, जब शुभ कार्य के मुहूर्त का निषेध होता है।

इस अवधि में सभी शुभ कार्य, जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहारंभ व गृह प्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं। शुभ एवं मांगलिक मुहूर्त के निर्धारण में गुरु के तारे का उदित स्वरूप में होना बहुत आवश्यक है। गुरु के तारे के अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों के मुहूर्त नहीं बनते।

जनवरी संवत् 2077 पौष शुक्ल पक्ष चतुर्थी दिन रविवार, दिनांक 17 जनवरी 2021 को गुरु का तारा पश्चिम दिशा में अस्त हो गया, जो अब माघ शुक्ल पक्ष द्वितीया दिनांक 13 फरवरी 2021, दिन शनिवार को उदित होगा।.

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