आश्चर्य है कि परमबीर सिंह को अब राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं – सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि यह बहुत ‘‘आश्चर्य की बात है’’ कि राज्य में 30 साल से ज्यादा सेवा देने के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह अब कह रहे हैं कि उन्हें राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है और उनके खिलाफ चल रही सभी जांच महाराष्ट्र से बाहर किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग कर रहे हैं।

सिंह के खिलाफ चल रही जांच महाराष्ट्र से बाहर किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की अवकाश पीठ ने कहा, ‘‘यह सामान्य कहावत है कि शीशे के घर में रहने वालों को दूसरों पर पत्थर नहीं उछालना चाहिए।’’

न्यायालय ने जब कहा कि वह याचिका खारिज करने का आदेश पारित करेगा, सिंह के अधिवक्ता ने कहा कि वह याचिका वापस लेंगे और अन्य न्यायिक उपाय अपनाएंगे।

सिंह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें 17 मार्च को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटाकर महाराष्ट्र राज्य होम गार्ड का जनरल कमांडर नियुक्त किया गया। इस फेर-बदल के बाद उन्होंनें राज्य के गृहमंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाये।

सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि याचिका दायर करने वाले के खिलाफ एक के बाद एक मुकदमे सिर्फ इसलिए दायर नहीं किए जा सकते क्योंकि वह व्हिसीलब्लोवर है।

उन्होंने कहा कि सिंह फिलहाल उनके खिलाफ चल रही सभी जांच को राज्य के बाहर स्थानांतरित करने और जांच सीबीआई जैसी किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध कर रहे हैं।

ALSO READ -  लोकसभा किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) संशोधन विधेयक 2021 को दी मंजूरी-

पीठ ने कहा, ‘‘हमारे लिए यह आश्चर्य की बात है। आप महाराष्ट्र काडर का हिस्सा रहे हैं और 30 साल से ज्यादा लंबी सेवा दी है। अब आप कह रहे हैं कि आपको अपने ही राज्य पुलिस पर विश्वास नहीं है। यह आश्चर्यजनक है।’’

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हो रही सुनवाई में जेठमलानी ने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों की सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया है।

उन्होंने दलील दी कि जांच अधिकारी सिंह पर उस पत्र को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं जिसमें उन्होंने पूर्व मंत्री के खिलाफ आरोप लगाये हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘ये दोनों अलग-अलग बातें हैं। पूर्व मंत्री के खिलाफ जांच और आपके (सिंह) खिलाफ जांच अलग-अलग बातें हैं। आप 30 साल तक पुलिस बल में रहे हैं। आपको पुलिस बल पर संदेह नहीं होना चाहिए। अब आप ऐसा नहीं कह सकते हैं कि आप राज्य से बाहर की एजेंसी से जांच कराना चाहते हैं।’’

जेठमलानी ने पीठ से कहा कि सिंह किसी ‘शीशे के मकान’ में नहीं रह रहे हैं और उन्हें फंसाने के लिए फर्जी मुकदमे दायर किए गए हैं।

बंबई उच्च न्यायालय इससे पहले पूर्व मंत्री देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह सहित तीन व्यक्तियों द्वारा दायर जनहित याचिकाओं में लगाए गए आरोपों की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दे चुका है।

Next Post

सिंगापुर में महिला ने हिंदू पड़ोसी की पूजा में बाधा डाली, पुलिस ने जांच शुरू की

Fri Jun 11 , 2021
Share this... Facebook Twitter Linkedin Telegram Whatsapp सिंगापुर : सिंगापुर पुलिस उस घटना की जांच कर रही है जिसमें एक वीडियो में 48 वर्षीय महिला को घंटा बजाकर अपने हिंदू […]
Hindu Dharma

You May Like

Breaking News

Translate »