डायबिटीडायबिटीज़ में ये चीज़े कभी न खाए, नहीं तो पड़ेगा महंगा ज़ में ये चीज़े कभी न खाए, नहीं तो पड़ेगा महंगा 

 फलों का सेवन सेहत के लिए बेहद गुणकारी माना गया है और इसलिए हर किसी को अपनी डाइट में किसी ना किसी रूप में करना चाहिए। लेकिन प्रत्येक फल हर व्यक्ति के लिए सही नहीं माना जाता। दरअसल, हर व्यक्ति की स्वास्थ्य समस्याएं भिन्न होती हैं और इसलिए फलों का चयन उसे अपनी हेल्थ कंडीशन को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए। अन्यथा फल उसे फायदा कम और नुकसान ज्यादा पहुंचाते हैं। 

डायटीशियन बताते हैं कि सूखे फल खाने में भले ही स्वादिष्ट लगें, लेकिन इनमें शुगर अधिक कंसन्टेंटेड होती है। इनमें ताजे फलों की तुलना में चार गुना अधिक कार्ब्स हो सकते हैं। वहीं अगर इन फलों के छिलके हटा दिए जाएं तो इसमें फाइबर की मात्रा भी कम हो सकती है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति मधुमेह से पीडि़त है तो उसे सूखे फलों से बचना चाहिए।

मधुमेह पीडि़त व्यक्ति को फलों के रस का सेवन नहीं करना चाहिए। यहां तक कि 100 प्रतिशत फलों का रस भी ग्लूकोज स्पाइक्स का कारण बनता है। 

 ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) एक निश्चित सूची है, जो यह निर्धारित करती है कि कुछ खाद्य पदार्थ आपके रक्त शर्करा को कैसे प्रभावित करेंगे। मधुमेह पीडि़त व्यक्तियों की डाइट को निश्चित करते समय यह बेहद मददगार हो सकता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि एक पके हुए फल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है

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