बंगाल विधानसभा चुनाव में काले धन को लेकर आयोग सख्त

कोलकाता : बंगाल में चुनावी बिगुल बजने के साथ ही साथ आयकर अधिकारी भी अपनी भूमिका में सक्रिय हो गये हैं. इसके लिए आयकर विभाग की ओर से सभी 23 जिलों में एक-एक कर नोडल ऑफिसरों की नियु​क्ति कर दी गयी है, इनका काम चुनाव में काले धन के उपयोग को रोकना व उन्हें जब्त करना है. इसके लिए इन अधिकारिकों ने अपने-अपने स्तर पर कार्रवाई भी शुरू कर दी है. इसके साथ ही ​आयकर विभाग का राज्य स्तर का एक नोडल ऑफिसर भी बनाया गया है जो कि इन सभी जिलों के नोडल अधिकारियों से संपर्क में रहेंगे. यहां उल्लेखनीय है कि इस बार का चुनाव अब के हुए राज्य विभानसभा चुनाव से काफी अलग होने वाला है. वहीं इंटेलिजेंस एजेंसियों को यह भी खबर है कि काले धन का इस्तेमाल इस बार सबसे अधिक होने वाला है.

इस बार चुनाव 8 चरणों हो रहा है, साथ ही मतदान केन्द्रों की​ भी​ संख्या बढ़ा दी गयी है. वहीं दूसरी बात यह है कि लॉकडाउन व कोरोना काल का यह पहला चुनाव है. इससे पूर्व ऐसा लग रहा था कि नगर निगम चुनाव ही विधानसभा चुनाव से पहले किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. आयकर विभाग की ओर से विज्ञापनों व पोस्टर व बैनर आदि के माध्यम से आम लोगों को जागरुक किया जा रहा है ताकि उनके पास काले धन के बारे में कोई भी सूचना हो तो वे तुरंत आयकर के कंट्रोल रूम में दे दें. आयकर विभाग ने काला धन और प्रलोभनों पर नजर रखने के लिए 24X 7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है. अधिकारियों ने इसे लेकर आम लोगों को जागरूक करने के लिए मुहिम भी चलायी है जहां इस तरह की जानकारी देने वाले का नाम व पता या फिर सभी​ जानकारी गोपनीय रखी​ जाएगी. इसके लिए एक टोल फ्री नंबर 18003455544 भी मुहैया कराया गया है. यहां पर लोग विभाग को किसी भी तरह के धन बल, गैरकानूनी नकदी वितरण और चुनाव से संबंधित अन्य तरह के अपराधों की शिकायतें कर सकते हैं. विभाग का यह नियंत्रण कक्ष जांच खंड में स्थापित किया गया है.
अगर कोई व्यक्ति काले धन के साथ पकड़ा जाता है तो इस बार काफी कठोर कार्रवाई के लिए आयकर विभाग ने तैयारी कर रखी है। इसमें अन्य विभाग इनकी मदद करेंगे. काले धन के साथ पकड़ाये लोगों से इन रुपयों के स्रोत के बारे में पूछा जाएगा. अगर इसमें मनी लांड्रिंग या फिर अन्य कोई वित्तीय अनियमितता पायी गयी तो इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट या फिर सीबीआई को भी इसके जांच में जोड़ा जाएगा. हाल ही में कोयला तस्करी एक नया मामला है जहां पर पहले आयकर विभाग ने कार्रवाई की थी. इसके बाद सीबीआई व ईडी की टीम इससे जुड़ चुकी है. इस मामले में आयकर विभाग ने अघोषित आय व संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई की तो ईडी ने इकोनॉमिक ऑफेंस व सीबीआई ने आपराधिक षडयंत्र के खिलाफ कार्रवाई की है.

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