भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रंखला हाल ही में मॉस्को का दौरा कर लौटे हैं। कोविड के इस भयंकर माहौल में हमारे रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और विदेश सचिव बार-बार रूस की और रुख को कर रहे हैं ? ऐसा नहीं है कि किसी खास मसले को लेकर भारत और रूस के बीच कोई तनाव पैदा हो गया है कोई खबर है कि भारत – रूस बिज़्नीज़ में कोई परेशानी आई हो। लेकिन ऐसे कई मुद्दे हैं, जिनकी वजह से दोनों मित्र-राष्ट्रों के बीच सतत संवाद जरूरी हो गया है।
सबसे पहला मुद्दा तो यह है कि रूस से भारत जो एस—400 मिसाइल 5 बिलियन डॉलर में खरीद रहा है, उसे लेकर अमेरिका कोई प्रतिबंध तो नहीं लगा देगा। ट्रंप-प्रशासन के दौरान यह खतरा जरूर था लेकिन अब इसकी संभावना कम ही है। ये रूसी मिसाइल इस वक्त दुनिया के सबसे तेज मिसाइल हैं।
दूसरे मुद्दे पर ग़ौर किया जाए तो कोरोना महामारी से निपटने में दोनों राष्ट्र परस्पर खूब सहयोग कर रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और देश के पीएम मोदी अभी तक कई मुलाकातें कर चुके हैं।कोराना-काल में पिछले साल उनकी चार बार बात भी हुई है।