ओलिंपिक हॉकी टीम को स्पॉन्सर कर रहे नवीन पटनायक ने कहा भारतीय हॉकी के गौरव को वापस लाना मेरा मकसद है-

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हॉकी टीम को स्पॉन्सर कर सोशल मीडिया में नायक बनें – नवीन पटनायक

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Teams) ने काफी चौंकाया है. पुरुष और महिला, दोनों ही हॉकी टीमें सेमीफाइनल (Semifinal) में पहुंच गई हैं. ओलंपिक के इतिहास में यह पहली बार है, जब भारत की महिला हॉकी टीम ने सेमीफाइनल में जगह बनाई है. अब दोनों ही टीमों से मेडल की उम्मीद जग गई है. हालांकि, मेडल की आस जगाने तक की भारतीय हॉकी टीमों की राह काफी आसान नहीं रही है. दरअसल, आमतौर पर ओलंपिक जैसे बड़े खेलों में टीमों को कॉरपोरेट स्पॉन्सर करता है, लेकिन भारतीय हॉकी की कहानी कुछ दूसरी है. पुरुष और महिला हॉकी टीम को कोई कॉरपोरेट नहीं, बल्कि ओडिशा की सरकार कर रही है. इसको लेकर आम लोगों से लेकर सोशल मीडिया तक, ओडिशा और उसके मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की काफी चर्चा हो रही है.

भारतीय हॉकी टीम (INDIAN HOCKEY TEAM) को जब वित्तीय सहायता (FINANCIAL ASSISTANCE) की जरूरत थी, तब कोई और नहीं, बल्कि नवीन पटनायक (NAVEEN PATNAYAK) ही साथ खड़े हुए. उनकी सरकार ने दोनों टीमों को स्पॉन्सर किया और आज का वह समय है, जब टोक्यो ओलंपिक में सबसे ज्यादा चर्चा वाली टीमों में भारतीय हॉकी टीम भी शामिल हो गई है. दरअसल, नवीन पटनायक खुद भी स्कूल के दिनों में गोलकीपर रह चुके हैं. पहली बार ओडिशा ने राष्ट्रीय पुरुष और महिला हॉकी को स्पॉन्सर करने का फैसला किया, जिसके बाद वह इस तरह का पहला राज्य बन गया.

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सोशल मीडिया पर नवीन पटनायक को काफी प्रशंसा मिल रही है. लोगों का कहना है कि जब पूरे देश की नजरें क्रिकेट पर थीं, उस समय नवीन पटनायक ने हॉकी टीमों को सपोर्ट किया और एक तरह से हॉकी को नई जिंदगी दी. साल 2018 में सहारा ने हॉकी से आधिकारिक स्पॉन्सरशिप वापस ले ली थी. सहारा ने यह फैसला उसके बाद किया, जब आईपीएल जैसे स्पोर्ट्स अधिक लोकप्रिय हो गए. कहा जा रहा है कि भारत में हॉकी के पुनरुद्धार के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार को श्रेय देना गलत नहीं होगा. इतने समृद्ध दूसरे राज्यों के होने और सामने न आने के बाद ओडिशा ने भारतीय हॉकी को प्रायोजित करने का फैसला किया.

ओडिशा के खेल मंत्री बोले- हमारे लिए महान क्षण
फरवरी 2018 में ओडिशा सरकार मुंबई में आयोजित एक शानदार समारोह में भारतीय हॉकी टीमों की आधिकारिक प्रायोजक बन गई थी. उसी साल एआईएफएफ ने राज्य सरकार के साथ एक एमओयू साइन किया, जिसके बाद उसने कई टूर्नामेंट के लिए मेजबान की भूमिका निभाई. उसी साल भुवनेश्वर में हॉकी विश्व कप भी खेला गया. मिडिया से बात करते हुए, ओडिशा के खेल मंत्री तुषार कांति बेहरा ने कहा कि यह हम सभी के लिए एक महान क्षण है, पुरुष और महिला दोनों टीमों ने सेमीफाइनल में प्रवेश करके इतिहास रच दिया. ओडिशा हॉकी खिलाड़ियों के उत्थान, हॉकी के बुनियादी ढांचे के लिए हमेशा से ही आगे रहा रहा है.

उन्होंने कहा, ”हमारे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हॉकी के साथ-साथ हॉकी खिलाड़ियों के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है. पिछले सात वर्षों से हम संबलपुर और सुंदरगढ़ जिलों में मिनी स्टेडियम, प्रशिक्षण केंद्र बनाकर जमीनी स्तर पर हॉकी का विकास कर रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा कि साल 2018 में हमने पुरुष हॉकी विश्व कप का सफलतापूर्वक आयोजन किया, फिर 2023 में हम भुवनेश्वर और राउरकेला में विश्व कप हॉकी का आयोजन करने जा रहे हैं. राउरकेला में मुख्यमंत्री के निर्देश पर विश्व स्तरीय हॉकी स्टेडियम बनाने का काम शुरू हो चुका है. ओडिशा सुंदरगढ़ जिले के विभिन्न ब्लॉकों में 17 नए एस्ट्रो-टर्फ बना रहा है.

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