Taliban Supporters in India : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत में भी बयानबाजी का दौर जारी है. इस क्रम में AIMIM पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपना पक्ष रखा जिसका जवाब केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने दिया.
इस क्रम में AIMIM पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपना पक्ष रखा जिसका जवाब केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने दिया. दरअसल असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत सरकार को अफगानिस्तान की महिलाओं और बच्चों की चिंता नहीं करना चाहिए, क्योंकि महिलाओं की उससे ज्यादा खराब हालत भारत में है…वहीं ओवैसी की नजर में तालिबान के आने से सबसे ज्यादा फायदा पाकिस्तान को आने वाले वक्त में होगा. ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा है कि बेहतर होगा हम ओवैसी को अफगानिस्तान भेज दें, ताकि उनकी महिलाओं और उनकी कम्युनिटी की सुरक्षा हो सके.
क्या कहा ओवैसी ने –
AIMIM पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत में 5 साल से कम की उम्र में ही 9 में से 1 बच्ची की मौत हो जाती है. यहां महिलाओं के प्रति अपराध और दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ते नजर आ रहे हैं. हमारी सरकार को चिंता अफगानिस्तान में फंसी हुई महिलाओं की ज्यादा है…तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे से सबसे ज्यादा लाभ पाकिस्तान को हुआ है. अलकायदा जैसे आतंकी संगठन फिर से अफगानिस्तान के कुछ इलाकों में सक्रिय होते नजर आ रहे हैं. आईएसआई पहले से ही भारत को देखना नहीं चाहता. आगे उन्होंने कहा कि हमें यह याद रखना चाहिए कि आईएसआई ही तालिबान को कंट्रोल करता है और तालिबान उसके हाथों की कठपुतली है.
पीएम मोदी ने आतंकवाद पर किया प्रहार –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आतंक के दम पर तोड़ने वाली शक्तियां भले ही कुछ समय के लिए हावी हो जाएं लेकिन उनका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता और वह मानवता को दबाकर नहीं रख सकतीं. प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर से जुड़ी कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने यह बात कही. प्रधानमंत्री का यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है जब पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है. प्रधानमंत्री के इस बयान को अफगानिस्तान की परिस्थितियों से जोड़कर देखा जा रहा है.
अफगानिस्तान से 14 अगस्त के बाद से अब तक 7,000 लोग निकाले गए-
इधर पेंटागन ने कहा है कि 14 अगस्त को शुरू किए गए निकासी अभियान के बाद से अब तक कुल सात हजार लोगों को अफगानिस्तान से निकाला जा चुका है और काबुल में अभी 5,200 से अधिक अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं. कुल मिलाकर, अफगानिस्तान से बाहर आने वाले लोगों की संख्या 12,000 के करीब है.
तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया था. 20 साल तक चले युद्ध के बाद देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान को अचानक मिली जीत से काबुल हवाईअड्डे पर अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई जहां से अमेरिका और संबद्ध देश अपने हजारों नागरिकों और सहयोगियों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश में जुटे हुए हैं.