वैदिक ज्योतिष शास्त्रों में शनिदेव को अधिक क्रोधित और क्रूर देवता की उपाधि मिली है, लेकिन यही देवता है जो कैई फलों की प्राप्ति भी देते हैं। क्या आप जानतें है हमारे शास्त्रों में 9 ग्रहों के परिवार में उन्हें न्यायाधीश माना गया है। इस साल शनिदेव 23 मई, कल दिन रविवार को अपनी ही राशि मकर में वक्री चाल से यात्रा आरमभ करेंगें। कल से शुरू होने वाली वक्री चल आगामी 11 अक्तूबर तक व रहेगी। 23 मई की दोपहर 2 बजकर 23 मिनट पर शनि देव अपनी ही राशि मकर में वक्री हो जाएंगे और उल्टी चाल चलने लगेंगे। शनि 141 दिन वक्री अवस्था में रहेंगे और चार महीने बाद 11 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 58 मिनट पर शनि फिर से मार्गी हो जाएंगे।
आपको बतादें कि इस वक्री चाल का प्रभाव, किसी व्यक्ति विशेष तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि देश-दुनिया भी इस ज्योतिषीय घटना से समान रूप से प्रभावित होती है। इस दौरान दुनिया भर में आपको भूस्खलन और भूकंप जैसी घटनाओं में अचानक से वृद्धि होती दिख सकती है। साथ ही बवंडर या तूफान की समस्या से भी देश-दुनिया प्रभावित होती है।
1-मेष :आजीविका के साधनों के लिए दौड़भाग रहेगी।
2-वृषभ: पैसों के लिए परेशान होना पड़ेगा। कठिन समय रहेगा धैर्य रखें।
3- मिथुन: अष्टम भाव को प्रभावित कर रहा है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आय प्रभावित होगी।
4- कर्क: पैसों का संकट, विवाह में रूकावट आएगी।
5- सिंह :बीमारियों पर खर्च होगा। दौड़भाग रहेगी।
6- कन्या : संतान पक्ष, शिक्षा प्रभावित होगी,खर्च अधिक होने की सम्भावना है।
7- तुला : ढैया के प्रभाव में हैं, परिवार में विवाद, रोग की स्थिति रहेगी।
8- वृश्चिक:कर्ज लेने की नौबत आ सकती है।भाई-बहनों से विवाद संभव है।
9-धनु: पैसों की तंगी महसूस होगी। संपत्ति को लेकर विवाद संभव है। स्वास्थ्य खराब होगा।
10- मकर: पिता को कष्ट, स्वयं के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।
11- कुम्भ: कर्ज लेने की नौबत आएगी। व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी। संयम से काम लें।
12- मीन : एकादश में आय प्रभावित होगी। खर्च संभलकर करें। हालांकि आय के नए स्रोत भी मिलेंगे।