गाजियाबाद पुलिस ने यहां एक श्मशान घाट की छत ढहने के मामले में मुरादनगर नगर पालिका के 3 अधिकारियों को सोमवार को गिरफ्तार किया। हादसे में 24 लोगों की मौत हो चुकी है। उधर पीड़ितों के परिजनों ने शोक संतप्त परिवारों के लिए अधिक मुआवजा और सरकारी नौकरियों की मांग को लेकर दिल्ली-मेरठ राजमार्ग बाधित किया।
इराज राजा ने बताया कि पालिका की कार्यकारी अधिकारी निहारिका सिंह, कनिष्ठ अभियंता चंद्र पाल और सुपरवाइजर आशीष को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया। ठेकेदार अजय त्यागी को गिरफ्तार करने के लिए छापे मारे जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मुरादनगर में रविवार को एक श्मशान घाट में छत ढह जाने से 24 लोगों की मौत हो गई थी और 17 अन्य व्यक्ति घायल हो गये थे। पीड़ितों में से अधिकतर लोग एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट आए थे।
अधिकारियों ने बताया कि श्मशान घाट में जिस गलियारे की छत ढही है, उसका निर्माण कार्य दो महीने पहले शुरू हुआ था। इस गलियारे को बनाने में करीब 55 करोड़ की लागत आई थी और इसे 15 दिन पहले ही आम लोगों के लिए खोला गया था। इस बीच, पीड़ितों के परिजनों एवं मित्रों ने मुरादनगर पुलिस थाने के निकट सड़क पर दो शवों को रखकर दिल्ली-मेरठ राजमार्ग बाधित कर दिया। इसके कारण सुबह व्यस्त समय में अहम मार्ग पर हजारों वाहन फंस गए। इराज राजा ने बताया कि अधिकारियों ने 10 लाख रुपए का मुआवजा और प्रत्येक पीड़ित के परिवार को सरकारी नौकरी देने की सहमति दी। इसके बाद लोगों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर लिया और शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गए।