नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री और टाटा विवाद मामले में एनसीएलएटी के आदेश को रद्द करते हुए टाटा समूह की अपील का बरकरार रखा है. मालूम हो कि एनसीएलएटी ने 18 दिसंबर, 2019 को साइरस मिस्त्री को दोबारा ‘टाटा समूह’ का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबड़े के नेतृत्ववाली तीन सदस्यीय पीठ ने विवाद की सुनवाई करते हुए ‘टाटा समूह’ की अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि एनसीएलएटी के 18 दिसंबर, 2019 के आदेश को रद्द किया जाता है. पीठ के अन्य सदस्यों में में न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम शामिल थे.
राष्ट्रीय कंपनी लॉ अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के 18 दिसंबर, 2019 के फैसले के खिलाफ साइरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट में क्रॉस अपील दायर की थी. मालूम हो कि एनसीएलएटी ने टाटा समूह में साइरस मिस्त्री को कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर बहाल कर दिया था. सु्प्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि ”टाटा समूह की अपील को स्वीकार किया जाता है और एसपी समूह की अपील खारिज की जाती है.” मालूम हो कि शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह ने 17 दिसंबर को अदालत से कहा था कि अक्तूबर 2016 को बोर्ड की बैठक में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाना ‘खूनी खेल’ और ‘घात’ लगा कर किया गया हमला था.