लखीमपुर: यूपी के लखीमपुर खीरी से अजीबोग़रीब मामला सामने आया है। मामला यूँ है कि एक आरटीआई याचिका डालने के बाद परिवार को करोड़ों रुपये की संपत्ति फिरसे वापस मिल गई है। जिले का डीएम आवास ऑयल रियासत का निकला। संपत्ति के मालिकों ने डीएम आवास पर दावा ठोका है। ये बेहद फ़िल्मी कहानी सी प्रतीत हो रही है, कहानी की शुरुआत 1928 से शुरू होती है। तब ओयल रियासत के राजा युवराज दत्त सिंह हुआ करते थे।
उन्होंने अपना महल जिले के डीएम को किराए पर दिया था। उसके बाद से इस महल का उन्हें किराया मिलने लगा। 1958 में इस किराये नामे का आगे 30 साल का नवीनीकरण भी किया गया। यह नवीनीकरण राजा युवराज दत्त ने किया। जबकि सभी कागज़ गायब है।पता चला कि 1959 में जो डीड संपादित की गई थी और जो खसरा नंबर चढ़ा है, वह महल का नहीं है।
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