देश में हुआ पहली बार, बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी 24 हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति 

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बीते दिन शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा एक महिला को 24 हफ्ते का गर्भ को खत्म करने की इजाज़त मिली। इस महिला के भ्रूण में तीन बच्चे पल रहे थे। आश्चर्य की बात यह है कि 24 हफ्ते का गर्भ गिराने की अनुमति देने का यह पूरे देश का पहला मामला है। इस मामलें में खुद मुंबई के जे जे अस्पताल के एक विशेषज्ञ पैनल ने गर्भ को गिराने के लिए कोर्ट में सिफारिश की थी और इसके लिए अनुमति मांगी थी। कहा था कि यह गर्भ मां की मानसिक हालात के लिए ठीक नहीं है।  
जस्टिस शाहरुख काठवाला और जस्टिस सुरेंद्र तावड़े की पीठ ने एक मानसिक समस्या से पीड़ित 41 वर्षीय महिला और उसके पति की उस याचिका को स्वीकार कर लिया था, जिसकमें साफ़ तौर पर कहा गया था ,कि महिला के गर्भ में तीन भ्रूण पल रहे हैं, जिनके स्वस्थ न होने के चलते गर्भपात की इजाजत दी जाए। 

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दरअसल जिन भ्रूणों को गिराने की मांग की गई है उनमें एक का सिर नहीं है, तो वहीं दूसरे में आनुवाशिंक असामान्यताएं है और उनके ऐसे ही पैदा  डॉक्टर्स द्वारा कही गई है।  जबकि एक के स्वस्थ्य पैदा होने की संभावना है। इससे पहले, 12 मई को बॉम्बे हाईकोर्ट की एक पीठ ने केवल एक भ्रूण की समाप्ति की संभावना के लिए जांच के निर्देश दिए थे। इसके बाद 17 मई को न्यायाधीशों ने चिकित्सा विशेषज्ञों से महिला के स्वास्थ्य और संपूर्ण गर्भ को समाप्त या न करने को लेकर एक रिपोर्ट मांगी थी। जिसके बाद डॉक्टर विशेषज्ञों द्वारा कई मेडिकल रिपोर्ट पेश की गयीं जिनमें एक का सर नहीं था, एक में अनुवांशिक समम्स्याएं थी। इस तरह से पैदा होने के बाद भी ये माँ की मानसिक स्थिति के लिए ठीक नहीं था। 

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