न्यायालय का निलंबित IAS Officer को जमानत देने के उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से इनकार-

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ND : शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा सस्पेंडेड भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एम शिवशंकर के सोना तस्करी और धनशोधन मामले में जमानत देने के केरल उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आरएस रेड्डी की एक पीठ ने इस बात का संज्ञान लिया कि मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पिछले साल 28 अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए निलंबित प्रधान सचिव जमानत पर रिहा हो चुके हैं।

ज्ञात हो की पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ ईडी की अपील पर शिवशंकर को नोटिस जारी किया।

वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा कि निलंबित अधिकारी सोना तस्करी मामले में कैसे संलिप्त हैं।

इस पर राजू ने कहा, ‘‘ वह केरल सरकार के सचिव थे और उन्होंने दो बार सीमा शुल्क अधिकारियों से बात की थी, जो कि रिकॉर्ड में दर्ज है।’’

इसके जवाब में, शिवशंकर के वकील जगदीप गुप्ता ने कहा कि जांच एजेंसी को सोना तस्करी मामले में अधिकारी की कोई ‘‘संलिप्तता’’ नहीं मिली है।

सुनवाई को आगे बढ़ते हुए शिवशंकर के वकील जगदीप गुप्ता ने कहा, ‘‘ उनके पास बस यह है कि मैंने (शिवशंकर ने) दो बार सीमा शुल्क अधिकारियों से बात की।’’

आरोपी अधिकारी के जमानत पर रिहा हो जाने की जानकारी देने पर पीठ ने कहा, ‘‘ हम उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगा रहे हैं’’ और ईडी की याचिका को छह सप्ताह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

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उच्च न्यायालय ने जनवरी में निलंबित आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को जमानत दे दी थी।

गौरतलब है कि कोच्चि की एक अदालत ने एक अन्य डॉलर तस्करी के मामले में आरोपी, निलंबित आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को बुधवार को जमानत दे दी थी, जिसके बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव शिवशंकर को 98 दिन की न्यायिक हिरासत के बाद बृहस्पतिवार को अपराह्न तीन बजे जेल से रिहा कर दिया गया था।

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