पश्चिम बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद हिन्दुओं की हत्या के खिलाफ भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने किया जगह जगह प्रदर्शन-

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ह्यूस्टन, अमेरिका : भारत के राज्य पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणामों के बाद हुई हिंसा के खिलाफ अमेरिका के 30 से अधिक शहरों में बंगाली समुदाय के लोगों समेत अनेक प्रवासी भारतीयों ने प्रदर्शन किया।

गौरतलब है कि दो मई को विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसा की अनेक घटनाएं हुईं। भाजपा ने आरोप लगाया कि नतीजों के बाद तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने उसके अनेक कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी और अनेक कार्यकर्ताओं को घायल कर दिया।

ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने राज्य विधानसभा में शानदार जीत दर्ज की है।

चुनाव परिणामों के बाद हत्या की घटनाओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए अमेरिका के विभिनन शहरों में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने हाथों में प्लेकार्ड ले रखे थे जिन पर लिखा था, ‘‘हिंदुओं की जिंदगियां भी मायने रखती हैं’’, ‘‘हिंदुओं के नरसंहार के खिलाफ प्रदर्शन’’।

प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विशेषज्ञ एवं उद्यमी जुधाजीत सेन मजुमदार का बंगाल आना जाना लगा रहता है। वह कहते हैं, ‘‘चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद ऐसे अनेक लोगों ने मेरे मित्रों और मुझ से मदद मांगी, जो निशाना बनाकर किए गए हमले के शिकार हुए थे। दुकानों को लूटा गया और घरों के भीतर बम फेंके गए।’’

इन घटनाओं से क्षुब्ध प्रवासियों ने अमेरिका, ब्रिटेन के प्रमुख शहरों समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन किए। उन्होंने बंगाल में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद ‘‘न्याय और जांच’’ की मांग की।

ह्यूस्टन की रहने वाली सहाना सिंह ने कहा, ‘‘जिस तरह से हिंदू महिलाओं को बाल पकड़कर घसीटा गया, जमीन पर पटका गया और बलात्कार की घटनाओं को अंजाम दिया गया उससे मुझे बहुत आघात पहुंचा है।’’

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भाजपा ने हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। उसने दावा किया कि एक महिला समेत उसके कम से कम छह कार्यकर्ताओं और समर्थकों की कथित तौर पर तृणमूल द्वारा शुरू की गई हिंसा में हत्या कर दी गई।

दूसरी ओर तृणमूल ने भी दावा किया है कि हिंसक घटनाओं में उसके तीन समर्थकों की हत्या हुई है।

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