अब आप जल्द ही आप अपने प्रीपेड सिम को पोस्टपेड में या पोस्टपेड सिम को प्रीपेड में एक OTP के जरिए बदल सकते हैं। इस मामले में टेलीकॉम डिपार्टमेंट काम कर रहा है और वह जल्द ही फैसला लेगा।
टेलीकॉम विभाग के मुताबिक, मोबाइल फोन ग्राहकों को जल्द ही एक OTP अथेंटिकेशन का उपयोग कर प्रीपेड और पोस्टपेड को बदलने की सुविधा मिलेगी। इस इंडस्ट्री की बॉडी सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DOT) को इस मैकेनिज्म का प्रस्ताव दिया है। विभाग ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स से इस पर प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (POC) का काम करने को कहा है ।
टेलीकॉम विभाग के मुताबिक बदलाव की अनुमति देने पर अंतिम फैसला POC के परिणाम पर निर्भर करेगा। प्रीपेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड में स्विच करने के लिए POC प्रक्रिया, टेलीकॉम सेवा देने वाली कंपनियां कर सकती हैं।
DOT के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) सुरेश कुमार ने एक नोट में कहा कि प्रक्रिया को लागू करने के संबंध में निर्णय POC के परिणाम के आंकलन के बाद लिया जाएगा।
COAI के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शामिल हैं। COAI ने 9 अप्रैल को DOT से अपील किया था कि वह मोबाइल ग्राहकों को नई KYC प्रक्रिया को शुरू किए बिना और OTP (वन टाइम पासवर्ड) आधारित आथेंटिकेशन का उपयोग करके प्रीपेड से पोस्टपेड और पोस्टपेड से प्रीपेड में माइग्रेट करने की मंजूरी दे।
OTP आधारित अथेंटिकेशन हाल के दिनों में सभी क्षेत्रों में एक स्वीकार्य नियम (acceptable norm) बन गया है। नागरिकों से संबंधित अधिकांश सेवाओं को OTP अथेंटिकेशन के साथ ऑफर किया जा रहा है। नोट में कहा गया है कि मौजूदा दौर में संपर्क रहित सेवाओं (Contactless services) को ग्राहक सुविधा के लिए और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए भी बढ़ावा दिया जाना है।
प्रस्तावित प्रक्रिया के तहत अपने मौजूदा मोबाइल कनेक्शन को प्री-पेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड में माइग्रेट करने के इच्छुक मोबाइल ग्राहकों को SMS, IVRS, वेबसाइट या अधिकृत ऐप के माध्यम से अपने सर्विस प्रोवाइडर को एक रिक्वेस्ट भेजना होगा।
आप से रिक्वेस्ट प्राप्त करने पर ग्राहक को एक यूनिक ट्रांजेक्शन ID और एक OTP के साथ मोबाइल अकॉउंट के बदलाव के रिक्वेस्ट को स्वीकार करने वाला मैसेज मिलेगा। यह 10 मिनट के लिए वैलिड होगा।
आपके नम्बर पर प्राप्त OTP के सफल वेरिफिकेशन (successful verification) को ग्राहकों की मंजूरी माना जाएगा। इसके बाद टेलीकॉम ऑपरेटर उसे उस तारीख और समय के बारे में सूचित करेगा जब से ट्रांसफर या स्विच प्रभावी माना जाएगा।
टेलीकॉम के नोट में कहा गया है कि इस बदलाव के दौरान यदि सेवाओं में रुकावट आती है तो वह आधे घंटे से ज्यादा नहीं होगी। वर्तमान में 90% से अधिक मोबाइल ग्राहक प्रीपेड सेवा का उपयोग कर रहे हैं।
इस प्रस्तावित सुविधा के तहत मोबाइल कनेक्शन के मालिकाना हक में कोई बदलाव नहीं होगा और सिम कार्ड ग्राहक के कब्जे में ही रहेगा।