बेंगलुरु : भारत का डीएनए बताने वाले और कर्नाटक में जन्मे दत्तात्रेय होसबोले शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘सरकार्यवाह’ चुने गए. अभी तक वह संघ के सह-सरकार्यवाह थे. चुनाव अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की दो दिवसीय वार्षिक बैठक में हुआ, जो संघ की सर्वोच्च नीति निर्णायक इकाई है. बैठक यहां शुक्रवार को शुरू हुई. संभावना यह भी जाहिर की जा रही है कि शनिवार देर शाम तक आरएसएस की नई कार्यकारिणी का ऐलान भी किया जा सकता है.आरएसएस ने ट्वीट कर बताया, ‘बेंगलुरु में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) ने श्री दत्तात्रेय होसबोले को सरकार्यवाह चुन लिया.’
संघ ने ट्वीट में कहा कि वह 2009 से ही आरएसएस के सह-सरकार्यवाह थे. होसबोले 73 वर्षीय भैयाजी जोशी का स्थान लेंगे, जो तीन-तीन वर्षों के लिए चार बार सरकार्यवाह रहे.बता दें कि बीते 21 फरवरी 2021 को लखनऊ में अपने भाषण में दत्तात्रेय होसबोले उन्होंने कहा था कि पूरे भारत का केवल एक ही डीएनए है और वह है ‘हिंदू.’ उन्होंने कहा कि संघ में हिंदू एक राष्ट्रवाचक शब्द है. पूरे भारत का एक डीएनए है और उस डीएनए का नाम हिंदू है. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की एक पहचान है और खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वालों ने इस तथ्य के बावजूद कि यह एक विविध विचार है, इसे सांप्रदायिक बताया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस जो भी हिंदुत्व पर कहता है, उसे समझा जाना चाहिए. उन्होंने ये बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में संगठन के वरिष्ठ प्रचारक और अखिल भारतीय सह प्रचारक सुनील आंबेकर द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर लिखित एक पुस्तक जारी करने के मौके पर कही थी.