युवाओं में तेज़ी से बढ़ रही है दिल की बीमारियां, बदलती लाइफस्टाइल है कारण

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पिछले कुछ सालों में युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. एक रिसर्च के अनुसार, दुनियाभर में हार्ट अटैक के कुल मामलों में 20 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनकी उम्र 40 वर्ष या इससे भी कम है. वहीं भारत में 40 प्रतिशत हार्ट के मरीजों की उम्र 40 वर्ष से कम है. पिछले ही दिनों क्रिकेटर सौरव गांगुली को भी हार्ट अटैक आया, जिनकी उम्र महज़ 48 वर्ष है . ऐसे में आपके मन में भी यह सवाल आया होगा कि क्या फिट व्यक्ति को भी दिल का दौरा पड़ सकता है? आखिर वे कौन-सी चीजें हैं, जो युवाओं के दिल को कमजोर बना रही हैं. कुछ वर्ष पहले तक ऐसा माना जाता था कि कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज से जुड़े रोग बुजुर्गों में होने वाली बीमारी है, लेकिन अब यह गुजरे जमाने की बात है. समय के साथ युवाओं का दिल कमजोर होता जा रहा है.

40 वर्ष से कम उम्र के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. साथ ही यह भी देखा गया है कि हार्ट अटैक से युवा मरीजों में मौत का जोखिम बुजुर्गों में मौत के जोखिम के समान ही होता है.बाहर से फिट व स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति को भी हार्ट अटैक आ सकता है. फिट व्यक्ति के हार्ट की कंडीशन कैसी है, आर्टरीज में कितने परसेंट तक कोलेस्ट्रॉल का प्लैक है, यह बाहर से देख कर बोलना मुश्किल है. हालांकि, अपनी फिटनेस का ध्यान रख कर इसकी आशंका को जरूर कम किया जा सकता है. लेकिन, किसी फिट व्यक्ति को भी हार्ट अटैक होने की कई वजहें हो सकती हैं. 35 वर्ष या उससे अधिक उम्र के युवा, जिनके माता-पिता में से किसी को हार्ट अटैक आ चुका है, वे स्वस्थ होने की स्थिति में भी ट्रेडमिल टेस्ट करके जरूर देख लें. इस टेस्ट के दौरान मैक्सिमम एक्सरसाइज करना चाहिए, जितना आपका शरीर अनुमति दे. 35 से 40 वर्ष की उम्र के बाद कई लोगों को लगता है कि अचानक से एक्सरसाइज करके वे दिल की बीमारी को दूर कर सकते हैं, लेकिन बिना उचित सलाह के कोई भी कठिन व्यायाम शुरू न करें. इससे फायदे की जगह नुकसान हो सकता है. ऐसी स्थिति में सुबह-शाम तेजी से चहलकदमी करें और एरोबिक एक्सरसाइज ही करें. यानी आपका शरीर जिस फिजिकल एक्टिविटी की अनुमति दे, वही एक्सरसाइज करनी चाहिए.

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