ND: कोरोना काल में कई क्षेत्र नुकसान और कठियानियों से गुज़रे जिसके बाद धीरे धीरे चीज़े व्यवस्थित होनी शुरू तो हुईं है लेकिन ट्रेन ट्रैक पर तो आई है मगर यात्रियों को कुछ फायदे तो कुछ नुक्सान के साथ। आपको बतादें कि लॉकडाउन के बाद लखनऊ-नई दिल्ली शताब्दी, कानपुर-नई दिल्ली रिवर्स शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों की रफ़्तार तो शुरू हो गई है लेकिन यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं खत्म कर दी हैं, और यात्रियों को मिलने वाली मुफ्त पानी की बोतल, चाय, नाश्ता बंद कर दिया है। साथ ही किराया ज्यों का त्यों हैं।
जो पानी की बोतल यात्रियों को मुफ्त मिलती थी अब उसे 15 रुपये में खरीदकर पीना पड़ रहा है। वहीं, आईआरसीटीसी द्वारा संचालित कारपोरेट ट्रेन लखनऊ-नई दिल्ली तेजस एक्सप्रेस ऐसा नहीं कर रही जबकि इस ट्रेन में में पानी, चाय-काफी, नाश्ता, खाना सभी कुछ फ्री है। कोरोना किट भी दी जा रही है। अलग से कोई चार्ज यात्रियों को नहीं देना पड़ता है। आपको बतादें की तेजस ट्रेन ने अपना किराया भी कम किया है।रेलवे की वीआईपी ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रियों को लॉकडाउन के पहले सीट पर बैठते ही पानी की बोतल मिलती थी। चाय, नींबू पानी के साथ सुबह नाश्ते में वेज में आलू का पराठा, कटलेट और नॉनवेज में आमलेट या उबला अंडा या भुर्जी मिलती थी।
ब्रेड जैम, सॉस भी किराये में ही शामिल होता था। शाम को भी पानी की बोतल, चाय, नमकीन पैकेट, समोसा या सैंडविच यात्रियों को परोसा जाता था। अब इन ट्रेनों में पकाकर खाना बेचने की अनुमति नहीं है। पैक्ड या रेडी टू ईट के नाम पर जो नाश्ता-चाय मिलता है, वह खरीदना पड़ता है।तेजस एक्सप्रेस ने यात्रियों को लुभाने के लिए जहां 40 प्रतिशत तक बुकिंग होने पर बेस फेयर न बढ़ाने का फैसला लिया है। वहीं शताब्दी एक्सप्रेस में फ्री खाना-पीना बंद करने के बाद भी किराया नहीं घटाया और बेस किराया बढ़ा देने से यात्रियों को दिल्ली जाने और वहां से आने में उतना ही किराया देना पड़ेगा। तेजस एक्सप्रेस में कानपुर से दिल्ली जाने में चेयरकार का बेस किराया शुक्रवार और सोमवार को 780 रुपये और शनिवार, रविवार को 850 रुपये है। स्वर्ण शताब्दी का किराया 965, रिवर्स शताब्दी का 715 रुपये है।