शहरी, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के लिए निगरानी, स्क्रीनिंग और आइसोलेशन पर जोर

शहरी, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के लिए निगरानी, स्क्रीनिंग और आइसोलेशन पर जोर

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेहद घातक है और खतरनाक भी। दूसरी लहर में महामारी ने कई राज्यों में बुरा हाल किया है। बीते दिनों कोरोना से ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में इसका खौफ काफी बढ़ गया है। ऐसे में केंद्र सरकार ने गांवों और आदिवासी क्षेत्रों के लिए अलग से गाइडलाइन जारी की है  संक्रमण को रोका जा सके। नई गाइडलाइन में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निगरानी, स्क्रीनिंग और आइसोलेशन पर जोर दिया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में नई गाइडलाइन बनाई गई है। हर गांव में आशा कार्यकर्ताओं को जुकाम-बुखार की मॉनिटरिंग करनी होगी। इनके साथ हेल्थ सैनिटाइजेशन और न्यूट्रिशन कमेटी भी रहेगी। वहीं जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं, उन्हें ग्रामीण स्तर पर कम्युनिटी हेल्थ अफसरों को उंनका उपचार करने के निर्देश मिले हैं।

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