नई दिल्ली: कोरोना के नये स्ट्रेन के खतरे बढ़ने के कारण कार्यालयों की कार्यशैली में भी बदलाव देखने को मिले. कर्मचारियों को घर से काम करने की छूट दी जा रही है. अब सरकार ऐसे नियम लाने की तैयारी में है, जिससे कोरोना संक्रमण को रोका जा सके और घर से काम करने का विकल्प भी मिले. वहीं, ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड और काम के घंटों में बड़ा बदलाव देखने को भी मिल सकता है. सरकार यह नये नियम 1 अप्रैल से लागू कर सकती है.
कर्मियों की ग्रेच्युटी और प्रोविडेंट फंड में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. वहीं, टेक होम सैलरी घटेगी.
पीएफ में भी ज्यादा पहले से ज्यादा पैसे जमा होने से रिटायर होने पर ज्यादा पैसे मिलेंगे. पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत बढ़ेगी. क्योंकि, नियोक्ताओं को कर्मियों के प्रोविडेंट फंड में अधिक योगदान देना होगा. सरकार का कहना है कि नियोक्ता और कामगार दोनों के लिए नये नियम फायदेमंद साबित होंगे. नये श्रम कानून से संगठित और असंगठित कामगारों को कई नयी सुविधाएं मिलेंगी. हालांकि, कंपनियों को अब पहले से ज्यादा अधिकार मिलेंगे. कर्मियों को नौकरी देना या निकालना नियोक्ताओं के लिए अब और आसान हो जायेगा.सभी कामगारों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य किया गया है. साथ ही वेतन का डिजिटल भुगतान करना होगा. नये ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ा कर 12 करने का प्रस्ताव है. हालांकि, काम करने के घंटों की सप्ताह में अधिकतम सीमा 48 ही रखी गयी है, ऐसे में कामकाजी दिन पांच से घट घट कर चार दिन हो सकते हैं. इसके अलावा 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट मान कर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान किया गया है.