नई दिल्ली। 2021 के शुरुआती महीनों में पेट्रोल और डीजल की कीमत में लगातार हुई बढ़ोतरी का असर थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर नजर आने लगा है। देश में थोक महंगाई 27 महीने का रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक 4.17 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया जबकि जनवरी में यह सिर्फ 2.03 फीसदी के स्तर पर था।\
आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2018 के बाद थोक मूल्य सूचकांक सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचा है। नवंबर 2018 में थोक मूल्य सूचकांक 4.47 फीसदी के स्तर पर था। अगर थोक मूल्य सूचकांक की फरवरी 2020 के स्तर से तुलना की जाए तो उस समय की तुलना में अभी महंगाई दर में करीब 1.91 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। फरवरी 2020 में थोक मूल्य सूचकांक 2.26 फीसदी के स्तर पर था, जो अब बढ़कर 4.17 फीसदी हो गया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी फरवरी माह के आंकड़ों के मुताबिक आलोच्य महीने में पेट्रोलियम से लेकर खाने-पीने के सामान और सब्जियों तक हर चीज के दाम में बढ़ोतरी हुई। खासकर प्याज के दाम में तो 31.28 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई।